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लॉकडाउन में फंसे हज़ारों लोगों को गंतव्य तक पहुंचाने पर रोड़वेज विभाग अपने कर्मचारियों को देगा प्रोत्साहन राशि

by admin

आगरा। कोरोना वायरस के चलते देशभर में हुए लॉक डाउन के बीच कोरोना योद्धा बनकर सड़कों पर फंसे हजारों लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए रोडवेज के चालक परिचालक और अधिकारियों ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए अपनी ड्यूटी को बखूबी निभाया। इसको लेकर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने भी चालक परिचालकों अधिकारियों और रोडवेज के सभी कर्मचारियों का उत्साहवर्धन किया है साथ ही कोरोना योद्धा बनकर जिन चालक परिचालक और अधिकारियों ने लॉक डाउन के दौरान अपनी ड्यूटी निभाई है, उन लोगों को मुख्यालय की ओर से प्रोत्साहन राशि दिए जाने की घोषणा हुई है।

लॉक डाउन कठिन समय है। हम अपने ड्राइवर, कंडक्टर, डेपो स्टाफ, स्टेशन स्टाफ और आरएम/एसएम/ एआरएम सहित अन्य सभी फील्ड अधिकारियों द्वारा “इन परिस्थितियों में जिला प्रशासन के अनुरोध पर” तत्काल आवश्यकता “के रूप में बस चलाने के लिए हमारे ड्राइवर, कंडक्टर, डिपो स्टाफ, स्टेशन स्टाफ और अन्य सभी अधिकारियों द्वारा समर्पण की सराहना करते हैं और सलाम करते है “जनता कर्फ्यू और लॉक डाउन ” कठिन समय में उनके नैतिक स्तर को बनाए रखने और उनके समर्पण को पहचानने के लिए, UPSRTC ने इन दिनों के लिए उन लोगों के लिए “प्रतिबद्धता प्रोत्साहन” के साथ उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

लॉक डाउन के दौरान किये गए कार्य का वेतन:-

अनुबंधित ड्राइवर और कंडक्टर उन कार्य दिवसों के लिए दोगुनी राशि प्राप्त करेंगे
नियमित चालक और कंडक्टर अतिरिक्त राशि के रूप में 250 प्रति व्यक्ति प्रति दिन
पर्यवेक्षक और लिपिक कर्मचारी अतिरिक्त राशि के रूप में 500 प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन
इन दिनों में अन्य फील्ड अधिकारी ड्यूटी पर 1000 रुपये प्रतिअधिकारी प्रति दिवस अतिरिक्त राशि के रूप में।

प्रदेश भर में करीब 38000 रोडवेज संविदा कर्मियों के मार्च माह के पारिश्रमिक भुगतान का निर्णय लिया गया है। लॉक डाउन की अवधि के काम करने वाले कर्मचारियों की धनराशि भी इसमें शामिल होगी। परिवहन मंत्री के निर्देश पर रोडवेज के प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने सभी संविदा कर्मियों को बड़ी राहत दी है। इस पर रोडवेज प्रशासन का करीब 52 करोड़ रुपये खर्च होगा। हफ्तेभर में इन सभी कर्मियों का भुगतान कर दिया जाएगा। एमडी ने इस आशय के आदेश संबंधित क्षेत्रों को जारी कर दिए हैं। इनमें तकरीबन 32,000 संविदा चालक-परिचालक के अलावा, सफाईकर्मी, कार्यशालाकर्मी और सिक्योरिटी गार्ड और वाह्यश्रोत कर्मी मिलाकर तकरीबन 38 हजार लोग हैं।

अभी तक बस संचालन और कार्यशाला से जुडे़ इन कर्मचारियों के पारिश्रमिक भुगतान में लॉकडाउन अवधि के दौरान किमी आधारित संचालन का भुगतान समेत अन्य नियम आडे़ आ रहे थे। इसे देखते हुए एमडी ने सीजीएमए, सीजीएमओ, जीएम और वित्त नियंत्रक समते चार सदस्यीय कमेटी का गठन कर रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट आने के बाद परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने शनिवार को निगम मुख्यालय में एक बैठक बुलाई। गहन मंथन के बाद इसमें तय हुआ कि परिवहन निगम प्रशासन विभिन्न कैटेगरी के करीब 38 हजार कर्मचारियों के मार्च माह के पारिश्रमिक में किसी भी तरह की कटौती नहीं करेगा।

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