नई दिल्ली। महिला उत्पीड़न के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने रेप पीड़िताओं को मुआवजा देने वाली एक योजना को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद अब रेप पीड़िताओं को न्यूनतम पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। जिससे रेप पीड़िताओं की मदद हो सके।
कोर्ट के फैसले के बाद अब सभी राज्यों को हफ्ते भर में इस संबंध में आदेश की कॉपी भेज दी जाएगी, जिसका सभी राज्यों को पालन करना होगा। रेप, गैंगरेप और एसिड अटैक के मामलों में इस फैसले के जरिए पीड़िताओं या उनके परिजन को ये आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी। इससे पहले रेप पीड़िताओं को राज्य सरकार अपने-अपने पैमानों के हिसाब से मुआवजा देती रही है। तो अब रेप पीड़िताओं के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं हो सकेगा। 20 हजार का न्यूनतम पैमाना या अधिकतम दो लाख रुपए की व्यवस्था में ये बदलाव बड़ा समझा जा रहा है।
नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (एनएलएसए) ने इस मुआवजे की नई रकम को रिलीफ पॉलिसी बताया है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर अपनी सहमती दे दी है। अथॉरिटी ने इस रकम को तय करने से पहले केंद्र सरकार से बातचीत की थी। जिसके बाद रेप पीड़िताओं को न्यूनतम पांच लाख और एसिड अटैक पीड़िताओं को सात लाख रुपये का मुआवजा देना तय हुआ है।