Firozabad. ट्रैनों का संचालन धीरे धीरे पटरी पर लौट रहा है। इस संचालन को पटरी पर लाने और ट्रैनों के सही परिचालन की जिम्मेदारी रेलवे अधिकारियों की है लेकिन रेलवे के एक अधिकारी पर अंगूर की बेटी का सुरूर ऐसा चढ़ा कि उसकी लापरवाही के कारण करीब 12 मेल/एक्सप्रेस और मालगाड़ियां प्रभावित हो गयी। स्टेशन से ग्रीन सिग्नल न मिलने के कारण स्टेशन पर खड़ी गाड़ियां आगे नहीं बढ़ सकी और उसके कारण एक के पीछे एक गालियां खड़ी होती चली गई। इस घटना से रेलवे में हड़कंप मच गया और एएसएम को इस लापरवाही के कारण निलंबित कर दिया गया।
घटना बृहस्पतिवार रात्रि करीब 12 बजे की है। कंचौसी रेलवे स्टेशन पर सहायक स्टेशन मास्टर अनिरुद्ध कुमार की लास्ट ड्यूटी थी। बताया जाता है कि एएसएम ने चार्ज संभालने के बाद शराब का सेवन कर लिया। शराब के सेवन से उसे नींद आ गयी। इस दौरान स्टेशन के होम सिग्नल न मिलने पर ट्रेनें खड़ी हो गईं। इसके बाद एक के बाद एक अप व डाउन ट्रेनें एक के पीछे एक खड़ी होती चली गईं। काफी समय तक ट्रेनों के खड़े होने पर रेल चालकों ने टूंडला नियंत्रण कक्ष से जानकारी ली। जब नियंत्रण कक्ष ने एएसएम को फोन लगाया तो रिसीव नहीं हुआ।
बिना किसी कारण के ट्रेनों को सिग्नल न मिलने और ट्रेनों के खड़े रहने से रेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। तत्काल नियंत्रण कक्ष के निर्देश पर स्टेशन अधीक्षक विशंभर दयाल को मौके पर भेजा गया। स्टेशन अधीक्षक ने एएसएम को सोता देख पारा चढ़ गया। स्टेशन अधीक्षक ने एएसएम को पानी डालकर जगाने का प्रयास किया लेकिन वह फिर भी नहीं उठा। उसके मुंह से शराब की दुर्गंध आ रही थी। ऐसे में उन्होंने खुद ही कमान संभालते हुए रात्रि दो बजे करीब रेल संचालन शुरू कराया। उन्होंने इसकी जानकारी कंट्रोल रूम व रेल अधिकारियों को दी।
शुक्रवार सुबह फफूंद स्टेशन अधीक्षक अर्जुन सिंह ने मामले की जानकारी आरपीएफ फफूंद को दी। आरपीएफ ने आरोपी स्टेशन मास्टर अनिरुद्ध कुमार को मगध एक्सप्रेस से टूंडला डीटीएम जे संजय कुमार के समक्ष पेश किया। यहां से उसे रेलवे हॉस्पिटल मेडिकल के लिए भेजा दिया। स्टेशन अधीक्षक विशंभर दयाल ने बताया कि वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक प्रयागराज ने शराब के नशे में ड्यूटी करने पर सहायक स्टेशन मास्टर को निलंबित कर दिया है।