मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विवादित टिप्पणी करने वाले बीजेपी नेता को अलीगढ़ पकड़ने गई पश्चिम बंगाल की पुलिस के साथ मारपीट हुई। बंगाल पुलिस सिविल ड्रेस में दबिश देने पहुंची थी, पुलिस को स्थानीय लोगों और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पकड़ लिया। इस दौरान एक कमरे के अंदर पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की गई। हालांकि मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने उन्हें बचाया और सुरक्षित वहां से बाहर निकाला। वहीं पुलिसवालों पर बीजेपी नेताओं ने घर में घुसकर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।
इस मामले को लेकर अलीगढ़ के एमएलसी मानवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि पुलिस ने बिना कोई जानकारी दिए हमारे कार्यकर्ता योगेश के घर पर जाकर दबिश देने का काम किया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल से कुछ तथाकथित लोग आए थे जो सिविल में आए थे। यहां के पुलिस वाले बता रहे हैं कि उनको गुमराह करके ले गए थे। हमने बंगाल पुलिस के खिलाफ तहरीर लिख कर दी है। उन्होंने घर में घुसकर बिना जानकारी के अभद्रता की है। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ व शोषण का प्रयास किया है।
उधर, पुलिस क्षेत्राधिकारी मोहसिन खान का कहना है कि दूसरे राज्य से पुलिस से कुछ लोग आए थे। हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। अभी हम जानकारी करने का प्रयास कर रहे हैं और जांच करके ही कुछ आगे कार्यवाही करेंगे।
ममता के सिर पर रखा था 11 लाख का इनाम
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में अलीगढ़ में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता योवेश वार्ष्णेय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सिर काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपये देने की घोषणा की थी। योगेश वार्ष्णेय पश्चिम बंगाल के वीरभूम में हनुमान भक्तों की पिटाई किये जाने से नाराज थे। योगेश वार्ष्णेय के इस बयान के बाद उनके खिलाफ पश्चिम बंगाल में मामला दर्ज हुआ था। जिसके बाद पुलिस लगातार योगेश की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही थी। इससे पहले भी पश्चिम बंगाल पुलिस योगेश को गिरफ्तार करने आई थी, लेकिन पुलिस को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था। शुक्रवार को फिर बंगाल पुलिस योगेश घर पहुंची थी।