आगरा। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 11 सदस्य टीम में से पांच सदस्य आगरा में डेरा डाले हुए थी। कोरोना पर लगाम लगाने के लिए टीम के नोडल अधिकारी लगातार पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ में बैठक में कर दिशा-निर्देश जारी किये। वहीं शुक्रवार को टीम ने प्रशासन और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के साथ आगरा के हॉटस्पॉट इलाके और कंटेनमेंट जोन का निरीक्षण किया।
खंदारी स्थित हॉटस्पॉट इलाके पहुंची टीम के अधिकारियों ने यहां पर व्यवस्थाएं परखी। हॉटस्पॉट इलाके में रहने वाले लोगों को कैसे जिला प्रशासन द्वारा दूध, पानी और सब्जी मुहैया कराई जा रही हैं। प्रॉपर तरीके से इलाके को सैनिटाइज किया गया है या नहीं। इसके अलावा हॉटस्पॉट इलाके में रहने वाले लोगों को कहीं अन्य परेशानी तो नहीं उठानी पड़ रही है, इस बात का जायजा निरीक्षण किया गया और डीएम-एसएसपी को भी दिशा-निर्देश जारी किये गए।
लखनऊ से प्रमुख सचिव एयर प्रशासनिक अधिकारियों की टीम आने के बाद आगरा में सख़्ती और कोरोना संक्रमण का प्रभाव कुछ कम तो हुआ है मगर सच्चाई यह भी है कि आगरा में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का संक्रमण जिस हिसाब से फैला है उसके बाद से इस माह मामला आउट ऑफ कंट्रोल यानी डेंजर जोन में पहुंच चुका है। ऐसे में कोरोना संक्रमित के कम आंकड़े आना कुछ हज़म नहीं हो रहा है। जिला प्रशासन भले ही अपनी दलीलें देकर अपना बचाव कर रहा हो मगर केजीएमयू लखनऊ की रिपोर्ट के अलावा एसएन मेडिकल कॉलेज और जालमा से आने वाली रिपोर्ट एक बड़े खतरे की ओर संकेत कर रही है। क्योंकि यहां की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई हैं कि इनमें कितने मामले पॉजिटिव या नेगेटिव आये हैं। हालांकि डीएम आगरा प्रभु नारायण सिंह कहते हैं कि कोरोना के मामलों में जितना इजाफा हो रहा है उससे ज्यादा मामलों में मरीज स्वस्थ्य हो रहे हैं और डिस्चार्ज होकर घर पहुंच रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ सीएम योगी की टीम आज शाम वापस लखनऊ के लिए रवाना हो गयी। टीम ने आगरा विजिट के दौरान जहां प्रशासनिक विभागों की रिपोर्ट तैयार की है जिसे वे सीएम योगी के समक्ष रखेंगे। संभावना जताई जा रही है कि आगरा में चारों ओर लापरवाही का आलम देख चुकी टीम द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद आगे भी कड़ी कार्यवाई हो सकती है। वहीं अब जिला प्रशासन के हाथ फिर से बागड़ोर थमा दी गयी है। देखना होगा कि प्रशासन कोरोना के सुधारते हालातों को कब तक बरकरार रख पाता है।