आगरा। मुगल शहंशाह शाहजहां का 364 वें उर्स की शुरुआत ताजमहल में हो गयी है। गुस्ल की रस्म के साथ शाहजहां के उर्स की शुरुआत की गई जिसमे प्रिंस तूसी भी शामिल हुए लेकिन उर्स से पहले हुई अजान पर खुद को मुगल वंशज बताने वाले प्रिंस तूसी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। उर्स की शुरुआत में हुई अजान पर प्रिंस तूसी ने सवाल उठाते हुए कहा है कि ताज कोई इबादतगाह नहीं है जहाँ उर्स से पहले अजान होनी चाहिए। यहाँ सिर्फ फातिहा पढ़ा जाना चाहिए जिसका जिक्र ताजमहल से संबंधित नियमो में किया गया है। उर्स से पहले हुई अंजान गलत है यहां नई परंपरा की शुरुआत हो रही है। वो खुद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की महानिदेशक से शिकायत करेंगे।
गुस्ल की रस्म के साथ ताज महल में शाहजहां का उर्स शुरु हुआ। तीन दिवसीय इस आयोजन के लिए शाहजहां और मुमताज की तहखाने में बनीं असली कब्रें खोली गईं। इससे पहले ही जब लोग उर्स की ग़ुस्ल की रस्म अदा करने जा रहे थे तभी तहखाने की सीढि़यों पर ही अजान हाे गई जिसके बाद ही लोगों ने अंदर प्रवेश किया गया और गुस्ल की रस्म सम्पन्न हुई। खुद को मुगल वंशज बताने वाले प्रिंस तूसी उस वक्त वहीं मौजूद थे। प्रिंस तूसी के अज़ान के दौरान अंदर पहुँचने पर लोगों ने आपत्ति उठाई थी। जिस पर प्रिंस तूसी ने नाराजगी व्यक्त की है।
प्रिंस तूसी का कहना है कि जो उर्स के दौरान कमेटी के लोग मौजूद रहते है। उनको किसी ने अपॉइंट नही किया है बल्कि अंदर जाने का हक उनका है क्योंकि वो मुग़ल वंशज है। ये लोग ही नई परम्पराओं की शुरुआत कर रहे है जो पूरी तरह से गलत है।