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अतिरिक्त दहेज़ के लिए गर्भवती पत्नी को घर से निकाल दिया तीन तलाक़, पीड़िता ने दर्ज़ कराया मुक़दमा

by admin

Agra. नई नवेली दुल्हन के हाथों से शादी की मेहंदी भी नहीं छूटी थी कि उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। पहले दहेज के लिए उसका मानसिक व शारिरिक उत्पीड़न किया गया लेकिन वह शादी बचाने के लिए जूझती रही। दहेजलोभियों का इससे भी मन नहीं भरा तो विवाहिता को तीन तलाक का दंश दे दिया। मामला लोहामंडी थाना क्षेत्र से सामने आया है।

यहाँ के रहने वाले एक विशेष समुदाय के परिवार ने हैसियत से ज्यादा खर्च कर बेटी की शादी दिल्ली के युवक से की। शादी खुशी के माहौल में संपन्न हुई। बेटी भी विदा होकर ससुराल चली गई लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद पति और ससुराल की असलियत सामने आने लगी। पति झोलाछाप डॉक्टर निकला। विरोध किया तो मारपीट के साथ अतिरिक्त दहेज की मांग होने लगी। दहेज की मांग पूरी ना होने पर तीन तलाक बोल दिया। पीड़िता ने लोहामंडी थाने में पति और ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

पूरा मामला लोहामंडी थाना क्षेत्र के सैय्यद पाड़े का है। पीड़ित मोहम्मद रफीक ने अपनी बेटी जानू अब्बास की शादी 14 दिसंबर 2020 को दिल्ली निवासी मोहम्मद जैद व्यास से की थी। शादी में जो तय हुआ था उससे अधिक दान दहेज दिया गया। शादी में लगभग ₹300000 के आसपास खर्च किया गया लेकिन ससुराल पक्ष के लोग इससे संतुष्ट नजर नहीं आए। पीड़िता बताती है कि शादी के कुछ दिन बाद से ही ससुराल के लोगों ने अतिरिक्त दहेज और फ्लैट की मांग शुरू कर दी। मांग पूरी ना होने पर उसका मानसिक व शारीरिक शोषण होने लगा। शादी बचाने के लिए पीड़िता वह सब कुछ सहन करती रही। इस बीच वह प्रेग्नेंट भी हुई लेकिन दहेज लोगों का उत्पीड़न काम नहीं हुआ। हद तो तब हो गई जब प्रेग्नेंट होने के बावजूद 30 अक्टूबर 2021 को पति, सास-ससुर और नंद मामा के साथ परिवार के अन्य लोगों ने उसके साथ मारपीट की और उसे घर से बाहर निकाल दिया। परिवार से जैसे-तैसे संपर्क किया तो परिवार के लोग उसे मायके ले आये।

पीड़िता शानू अब्बास ने बताया कि कुछ ही दिनों में पति और ससुराल पक्ष की असलियत धीरे-धीरे सामने आने लगी। पति उनके पर्स से पैसे चुराने लगा। पहले तो अटपटा लगा लेकिन पैसों को लेकर फिर पति की डिमांड बढ़ने लगी। शादी में मिली गाड़ी की सर्विस के नाम पर पर्स में रखे हुए ₹10000 ले लिए और उसके पिता से भी सर्विस के लिए पैसे मांग लिए। लगातार पैसों की डिमांड होने लगी। पैसे ना देने पर दहेज के लिए ताना मारना शुरू हो गया। पति बेरहमी से पीटता था तो सास ससुर और ननद दहेज को लेकर ताना मारते रहते।

पति निकला झोलाछाप डॉक्टर

पीड़िता शानू बताती है कि इस बीच उन्हें यह भी पता चला कि उनका पति कोई सरकारी डॉक्टर नहीं है बल्कि झोलाछाप डॉक्टर है जो अपने पिता की क्लीनिक को ही चलाता है। यह जानकर पीड़िता को गहरा धक्का लगा। क्योंकि पीड़िता और उसके मायके पक्ष को यही बताया गया था कि लड़का सरकारी डॉक्टर है। जिन लोगों ने रिश्ता कराया वह भी जान पहचान के थे लेकिन उन्होंने भी लड़के के बारे में कुछ नही बताया और उन्हें अंधेरे में रखा।

गर्भावस्था में दिया तीन तलाक

पीड़िता ने बताया कि एक दिन तो पति और ससुराल के सभी लोगों ने हद कर दी। अतिरिक्त दहेज न मिलने पर पति के साथ ससुरालियों ने उन्हें इतना मारा कि उसकी स्थिति खराब हो गई। मारपीट करने के दौरान पति ने उसे तीन तलाक बोल दिया और फिर उसके बाद फटे कपड़ों में ही उसे घर से बाहर निकाल दिया गया। तीन तलाक सुनकर शान बुरी तरह से टूट गई। तब जाकर पीड़िता ने अपने पिता को फोन करके सारी स्थिति बताई। घटना को सुनकर पीड़िता के माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई। वह तुरंत अपनी बेटी के पास पहुंचे। बेटी को घर ले आए लेकिन लाने से पहले उन्होंने बेटी के ससुराल पक्ष से बातचीत की तो आरोपी पक्ष ने उनके साथ भी अभद्रता कर डाली।

लगभग 2 माह की गर्भवती थी शानू

जानकारी के मुताबिक पीड़िता के साथ जमकर मारपीट की गई और उसे घर से निकाला गया। तब वह लगभग 2 माह की गर्भवती थी। गर्भावस्था में ही उसे घर से बाहर निकाल दिया गया। लगभग 7 माह के बाद पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया। अब यह बच्ची ही उसका आसरा बन गई है लेकिन पति और ससुरालियों ने दहेज के लिए जो यातनाएं दी उसको याद कर आज भी पीड़िता सहम जाती है। इसीलिए शानू ने दहेज लोगों को सबक सिखाने के लिए मुकदमा दर्ज कराया।

पीड़िता ने अपने पति और सास-ससुर नंद सहित लगभग 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। लड़के को सरकारी डॉक्टर बताकर रिश्ता तय करने पर धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज कराया है। जिन लोगों ने लड़का पक्ष का साथ दिया वे सभी इसमें नामजद किए गए हैं। अभी तक जांच आलमगंज पुलिस चौकी के एक दरोगा कर रहे थे लेकिन इस मामले में पुलिस द्वारा मुकदमा स्पंज कर दिया गया है। जिससे पीड़िता और ज्यादा सदमे में है। उसका कहना है कि सभी सबूत दिए जाने के बाद भी पुलिस ना जाने क्यों लड़के पक्ष को ही अपना समर्थन दे रही है।

पुलिस कमिश्नर के यहां होगी सुनवाई

पीड़िता के पिता ने बताया कि बेटी के साथ जो अन्याय हुआ उसके बाद उन्होंने बेटी को इंसाफ दिलाने की ठान ली है। इसीलिए मुकदमे भी दर्ज करवाए। लगभग 1 साल से अधिक इन मुकदमों को दर्ज हुए हो गया है। कोई चित कार्यवाही ना होने पर सीएम योगी से लेकर पीएम मोदी और महिला आयोग तक गुहार लगाई गई। जिसका असर है कि अब 27 जुलाई को पुलिस कमिश्नर के यहां सुनवाई होगी। उन्हें उम्मीद है कि आगरा का जिला प्रशासन उनके साथ न्याय करेगा।

पीड़िता शानू बताती हैं कि पति ने उन्हें मारपीट कर घर से निकालने के कुछ दिन बाद दूसरी शादी भी कर ली लेकिन इस संबंध में उनका मुकदमा भी कोर्ट में लंबित चल रहा है। पीड़िता ने सरकार से मांग की है कि जब तक इस तरह के मामले कोर्ट में चल रहे हो तो लड़के को दूसरी शादी करने की इजाजत ना दी जाए। इस संबंध में सरकार भी ठोस कानून बनाएं। जिस तरह से तीन तलाक को खत्म किया गया तो तीन तलाक पूरी तरह से खत्म हो, इसलिए इस तरह की कानून की अति आवश्यकता है।

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