Agra. मान्यता है कि कलयुग में भी ऐसे 8 चिरंजीव देवता और महापुरुष हैं जो जीवित हैं। इन्हीं 8 में एक भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम भी हैं। आज अक्षय तृतीया के पावन दिन पर ब्राह्मण चेतना समिति की ओर से दयालबाग की स्थित मां सिद्धिदात्री पथवारी देवी मंदिर पर भगवान परशुराम की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर ब्राह्मण चेतना समिति की ओर से मंदिर पर यज्ञ व हवन का आयोजन किया गया था। इस आयोजन के दौरान कोविड-19 के नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया था। कार्यक्रम में लगभग 10 लोगों ने ही भाग लिया और यज्ञ व हवन में अपनी आहुति डाल भगवान परशुराम से इस धरा को कोविड-19 राक्षस से विहीन करने की प्राथना की।
शुक्रवार को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर ब्राह्मण चेतना समिति के कुछ पदाधिकारी दयालबाग स्थित पथवारी मंदिर पर पहुंचे थे। यहां पर सभी ने कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण किया और पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इसके बाद सभी ने मिलकर हवन किया और जग कल्याण के लिए प्रभु से प्रार्थना की।
ब्राह्मण चेतना समिति के अध्यक्ष ओम शर्मा का कहना था कि आज अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। विप्र समाज भगवान परशुराम की जयंती को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाता है लेकिन कोविड-19 के चलते भगवान परशुराम की जयंती पर भव्य कार्यक्रम तो नहीं हो सका इसलिए समिति के कुछ पदाधिकारियों ने मिलकर सूक्ष्म कार्यक्रम कर इस परंपरा को जारी रखा है। ओम शर्मा का कहना था कि सभी ने मिलकर यज्ञ व हवन किया और भगवान परशुराम से जग कल्याण व इस कोविड-19 महामारी को खत्म करने की प्राथना की है।
मधुसूदन शर्मा का कहना था कि भगवान परशुराम चिरंजीवी हैं जो आज भी इस धरा पर विराजमान है। प्रभु से प्रार्थना की गई है कि आप की धरा इस समय संकट में है। कोरोना वायरस आम व्यक्ति को अपनी चपेट में ले रहा है इस महामारी से प्रभु मुक्ति दिलाएं।
इस दौरान गजेंद्र शर्मा और भरत शर्मा का कहना था कि कोरोना महामारी के दौर में भी आज कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ का ध्यान रखते हुए दवाइयों व अन्य चीजों की काला बाजारी कर रहे हैं, हे प्रभु ऐसे लोगों को भी सद्बुद्धि प्रदान करें जिससे यह लोग इस पाप को करने से बचें और ऐसे समय में लोगों की सेवार्थ आगे आएं।