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बागपत में किसानों पर लाठीचार्ज के बाद धरनास्थल‌ से सामान लादकर ले गई पुलिस

by admin
Police took lathi-charge and policemen in Baghpat loaded with goods

दिल्ली में हुई हिंसा के बाद बागपत के बड़ौत में चल रहे किसानों के आंदोलन पर पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। रात के करीब 11:30 बजे पुलिस धरना स्थल पर पहुंची और हल्का बल प्रयोग करते हुए धरना स्थल को खाली करवा लिया गया। यहां तक कि पुलिस फोर्स ने लाठियां दिखाकर किसानों को घटनास्थल से दौड़ा दिया।

इससे पहले पुलिस प्रशासन धरने में शामिल नेताओं से बातचीत कर चुकी थी लेकिन करीब ढाई घंटे चली इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। हालांकि किसानों ने 31 जनवरी को महापंचायत बनाने का ऐलान भी किया था। बावजूद इसके पुलिस ने देर रात हल्का बल प्रयोग करते हुए धरना स्थल को खाली करा लिया।

जिस वक्त पुलिस धरना स्थल पर पहुंची तो कुछ किसान सो रहे थे और कुछ गीत गुनगुना कर अपना मनोरंजन कर रहे थे।जब अचानक पुलिस को किसानों ने देखा तो धरना स्थल पर अफरा तफरी मच गई और पुलिस किसानों का सामान जबरन लाद कर अपने साथ ले गई। इस दौरान भगदड़ में एक बुजुर्ग सुमेर सिंह पुलिस की लाठी लगने से घायल हो गया। इस भगदड़ में और भी कई किसान घायल हैं।बता दें बुधवार को एडीएम अमित कुमार सिंह और एसपी मनीष मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन की टीम ने करीब ढाई घंटे तक किसानों से बातचीत की थी लेकिन किसान आंदोलन को लेकर जिद पर अड़े रहे और 31 जनवरी को महापंचायत का ऐलान कर दिया।

इन सभी बातों के अलावा 27 जनवरी को देर रात करीब 11:30 बजे सीओ बड़ौत आलोक कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम धरनास्थल पर पहुंची किसानों को लाठियों से खदेड़ना शुरू कर दिया अचानक टेंट में घुसी पुलिस को देखकर लोगों में भगदड़ मच गई। वहीं थांबेदार ब्रजपाल चौधरी का कहना है कि पुलिस उनका सामान लादकर ले गई है। जबकि यहां किसान निहत्थे शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे थे।

पूर्व जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जयवीर सिंह तोमर ने कहा कि आराम कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया गया है। किसानों को रात के अंधेरे में दौड़ाया गया है। किसानों का कहना है कि दिल्ली में हुए हंगामे में बागपत का कोई किसान शामिल नहीं था।वहां असामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ा है, पुलिस उन्हें पकड़े, किसानों को झूठा बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। इसके बाद किसान धरनास्थल पर पहुंचे। धरने पर पहुंचकर अधिकारियों के साथ हुई वार्ता का हाल किसानों को बताया गया।

फिलहाल किसानों में पुलिस की इस कार्रवाई से रोष व्याप्त हो गया है। जबकि एडीएम बागपत ने कहा कि उन्हें एनएचएआई का पत्र बुधवार को मिला जिसमें कहा गया था कि किसानों के धरने की वजह से उनका कार्य रुका पड़ा है। इसलिए हम लोग वहां पहुंचे और किसानों से बात की इस दौरान किसान स्वयं ही चले गए और कई बुजुर्ग किसानों को उनके घर भिजवा दिया गया। साथ ही यह भी कहा कि किसी प्रकार का कोई बल प्रयोग नहीं किया गया है।

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