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नकली शराब कांड के मुख्य आरोपी हेमंत को पुलिस ने किया गिरफ़्तार, अन्य राज्यों में भी फैला नेटवर्क

by admin
Police arrested Hemant, the main accused of fake liquor scandal, network spread in other states too

Agra. डौकी और नगला देवरी में जहरीली शराब से हुई मौत के मामले में फरार चल रहे 25 हजार रुपये के इनामी आरोपी हेमंत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने हेमंत को कुंडोल से कविस की ओर जाने वाले मार्ग से गिरफ्तार किया। हेमंत के साथ उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 37 पव्वा शराब के बरामद किये है। इस पूरे मामले का खुलासा एसएसपी मुनिराज ने किया।

आगरा जिले के ताजगंज, डौकी, शमसाबाद और इरादतनगर क्षेत्र में जहरीली शराब के सेवन से 17 लोगों की जान चली गयी थी। जहरीली शराब हरियाणा से मंगवाई जाती थी। शमसाबाद के ऊंचा गांव का मनोज इस शराब को मंगवाता है। वो सप्लायर दारा और ठेका संचालक हेमंत तक पहुंचाता था। इसके बाद जहरीली शराब की बिक्री सरकारी ठेकों से की जाती थी। पुलिस की छानबीन में यह बात सामने आई है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि ऊंचा गांव के मनोज का भाई चार साल पहले मथुरा में ठेका चलाता था। यहां मनोज बैठा करता था। उसका ठेका बंद हो गया। इस पर मनोज ने अवैध शराब का धंधा शुरू कर दिया। उसकी मुलाकात दारा सिंह से हो गई। दारा सिंह भी ठेके का सेल्समैन था। दो साल पहले अपने रिश्तेदार से मिलकर स्कूल में शराब बनाता था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। बाद में वो मनोज के संपर्क में आ गया।

पुलिस पूछताछ में आरोपी हेमंत ने बताया कि वो अपने साथियों मनोज पुत्र हरिसिंह, विकास पुत्र संजू, गौतम पुत्र विजय सिंह के साथ नकली शराब को बनाने और उसे बेचने का काम शुरू किया। इस मिलावटी शराब के सेवन से काफी लोगों की मौत हो गयी जिसके बाद वो छिपकर घूम रहे थे। उनके पास जो शराब के पव्वा थे उसे वो यमुना में फेंकने जा रहे थे।

बताया जाता है कि मनोज हरियाणा से शराब मंगाता है। दारा सिंह को शराब देता था। वो ठेकों और गांव में लोगों को सप्लाई करता था। ठेका संचालक हेमंत के तार भी मनोज से जुड़े हुए होने की जानकारी मिली है। पुलिस को छानबीन में यह पता चला है। हालांकि अभी हेमंत और मनोज की गिरफ्तारी, दारा को रिमांड पर लेने के बाद और भी तथ्य सामने आ सकते हैं।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि शराब की अवैध बिक्री करने वाले हरियाणा से एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईईएनए) लेकर आते हैं। यह औद्योगिक इकाई और दुकान के लिए ड्रम में लाया जा सकता है। इसका प्रयोग शराब बनाने में किया जाने लगा है। मगर, इससे शराब साइंटिफिक तरीके से ही बन सकती है। कई बार इसकी मात्रा गलत होने पर शराब जहरीली हो सकती है। अवैध कारोबार करने वाले मिथाइल अल्कोहल भी मिलाते हैं। यह केमिकल जो हरियाणा से नहीं ला पाते हैं, वो वहीं शराब बनवा लेते हैं। इसके बाद बोतलों में पैकिंग करके और यूपी का लेबल लगा दिया जाता है।

जेल भेजे गए आरोपियों से यह भी पता चला है कि ठेकों से ही नकली शराब की बिक्री होती है। गांव में बेचने वालों को असली शराब ही दी जाती है। क्योंकि घरों से बेचने वालों के पकड़े जाने की आशंका रहती है। अगर, वो नकली शराब बेचते पकड़े गए तो ठेके का भी नाम लेंगे। इसलिए सेल्समैन उन्हें असली शराब ही अवैध तरीके से बेच देते हैं।

पुलिस पूछताछ में आरोपी हेमंत ने बताया कि उसने अपने रिश्तेदारों के नाम से शराब के ठेके ले रखे है। मनोज माल तैयार करता है और उसका ड्राइवर माल लाता था। भूरी उसके साथ शराब सप्लाई करता था और हरेंद्र इस गाड़ी से माल सप्लाई करता था। फिलहाल पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।

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