Agra. सेल्समैन हत्याकांड में फरार चल रहे मुख्य आरोपी अजय को एत्माउद्दौला थाना पुलिस ने बीती रात गिरफ्तार कर लिया। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद से ही मुख्य आरोपी अजय उर्फ डकैत पुलिस की गिरफ्त से दूर चल रहा था और पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए उस पर 20 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। पुलिस ने अजय से पहले उसकी पत्नी मौना को इस हत्याकांड में जेल भेज चुकी है। इस पूरे मामले की जानकारी एसएसपी मुनिराज ने प्रेसवार्ता के दौरान दी।
यह था मामला-
ट्रांस यमुना कॉलोनी फेस दो निवासी सुनील कुमार शर्मा दो अगस्त को घर से निकले थे लेकिन घर वापस नहीं लौटे। काफी छानबीन के बाद परिजनों ने तीन अगस्त को पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस जांच पड़ताल में जुटी तो तीन दिन पहले पुलिस ने गांधी नगर निवासी मोना को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर ही सुनील का शव ट्रांसपोर्ट नगर के पास झाड़ियों में से बरामद किया। पूछताछ में जानकारी हुई थी कि मोना और उसके पति अजय उर्फ डकैत ने सुनील की हत्या की थी। पुलिस ने मोना और लोडिंग टेंपो चालक सुल्तानगंज निवासी लखन को जेल भेजा था।
रुपये हड़पने के लिए की थी हत्या –
एसएसपी ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि अजय उर्फ डकैत आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। उसके ऊपर कई लोगों का उधार भी है। इसलिए अजय नेआ अपनी पत्नी के साथ इस हत्याकांड को अंजाम देने की योजना बनाई। उन्होंने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि उसे मालूम था कि सुनील के पास काफी पैसा है और वो घर खरीदना चाहता है। इस आर्थिक तंगी से वो ही निकाल सकता है। इसलिए उससे पैसे लेकर मारने की योजना बनाई।
चाय पिलाने के दौरान की हत्या-
एसएसपी मुनिराज ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में बताया कि सुनील घर आया था। उसे चाय पिलाने के दौरान पीछे से उसके सिर पर रॉड मारकर हत्या कर दी और उसके पास नगदी, एटीएम व मोबाइल लेकर फरार हो गया। एटीएम व पेटीएम का उन्होंने यूज़ किया और लगभग 72 हजार खर्च किये। उसकी गिरफ्तारी के दौरान 15 हजार नगद बरामद किए है।
रविवार को दो आरोपी को भेजा गया जेल-
एसएसपी मुनिराज ने बताया कि इस हत्याकांड में अजय की पत्नी मोना और लोडिंग टेंपो चालक सुल्तानगंज निवासी लखन को जेल भेजा था। मोना की निशानदेही पर ही सुनील का शव बरामद हुआ था।
मामा के पास रहेगी बेटी-
मोना और अजय की पांच साल की बेटी है। मां और पिता के जेल जाने के बाद अब बेटी अकेली हो गई है। मोना ने पुलिस से कहा था कि वह बेटी को जेल नहीं ले जाना चाहती है। उसने अपने भाई को बुलाया था। पांच दिन से बच्ची को थाने पर ही रखा गया था। उसकी देखभाल पुलिसकर्मी कर रहे थे। थाना के प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र शंकर पांडेय ने बताया कि बच्ची को उसके मामा के सुपुर्द कर दिया गया है।