आगरा. 22 दिसम्बंर 2023। शहीदी सप्ताह के अंतर्गत आगरा के समस्त स्कूलों की एक विशाल मानव श्रृंखला का आयोजन नगर की धार्मिक व सामाजिक संस्था सुखमनी सेवा सभा द्वारा किया गया। यह आयोजन अपने आप में एक अद्भुत आयोजन था। एक कतार में सुभाष पार्क से लेकर भगवान टाकीज तक बच्चों की मानव श्रृंखला और जयकारों के उदधोष के बीच वातावरण जोशपूर्ण व भक्ति भाव वाला बना रहा। छोटे-छोटे बच्चों की कतारें और एमजी रोड से गुजरने वाले तमाम शहरवासी जैसे भक्ति रस में सरोवर हो रहे हो।
सर्वप्रथम स्पीड कलर लैब के बाहर बनाए गए स्टेज से साहबजादौं की शहादत से संबंधित एक नाट्य छोटे-छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया उपरांत चार साहिबजादों की मीठी याद में शहर के चार बच्चे बच्चियों को चार साहिब जादौं के नाम से चार पुरस्कार नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल आईएएस, आदित्य सिंह एसीपी हरीपर्वत, ज्वाइंट डायरेक्टर आरपी शर्मा द्वारा प्रदान किए गए। दो बच्चियों व दो बच्चों को यह सम्मान दिए गए। गुरु नानक देव जी के पैगाम को इस समारोह में बताया गया कि गुरु नानक पातशाह जी ने सिख धर्म में स्त्री को बराबर का दर्जा दिया है और अपने वचनों में कहा है, ‘सो क्यों मंदा आखियै जित जमे राजन’, आखिर उसको क्यों हम बुरा कहे जिसकी कोख से राजा, महाराजा, पीर, फकीर अवतारों का जन्म होता है।
इस भव्य समारोह में जहां तमाम स्कूलों के प्रबंधक जनों को सम्मानित किया गया, वहीँ सुखमनी सेवा सभा द्वारा नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल, आईपीएस आदित्य, महंत योगेश पुरी, सिंह सभा प्रधान कमलजीत सिंह, अभियान फाउंडेशन के रवि दुबे, रानी सिंह व डीटीओ अनूप वर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक बंटी ग्रोवर ने सभी स्कूलों का आभार व्यक्त किया। इस समारोह में सुखमनी सेवा सभा के तमाम नौजवान साथियों का अद्वितीय योगदान रहा। कतार बद्ध खड़े बच्चों को नाश्ते का वितरण किया गया। साहबजादौं की याद में चार सम्मान पाने वालों में बाबा अजीत सिंह अवार्ड सरदार सोजस सिंह, बाबा जुझार सिंह अवॉर्ड जसनूर सिंह, बाबा जोरावर सिंह अवॉर्ड बच्ची रुद्रा, व बाबा फतेह सिंह अवॉर्ड कमलजीत कौर को प्रदान किया गया। सुखमनी सेवा सभा के वीर महेंद्र पाल सिंह को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन मनीष नागरानी डॉक्टर पूजा व सिमर गुलाटी ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में जसबीर सिंह अरोरा, रिंकू गुलाटी, विक्की पुरी, गुरमुख व्यानी, ज्ञानी कुलविंदर सिंह, योगेश कुमार आदि का सहयोग रहा।