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डीआरडीओ आगरा इकाई द्वारा तैयार किया गया पैराशूट, 7 टन वजन को जमीन पर उतारने में सक्षम

by admin

आगरा। देश में स्वदेशी पैराशूट के जरिये विभिन्न तरह के भारी भरकम सैन्य उपकरणों को हवा के माध्यम से जमीन पर उतारने का कारनामा करने वाली एडीआरडीआई ने एक ओर कीर्तिमान स्थापित किया है। डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन) की आगरा इकाई द्वारा 7 टन वजन को हवा से जमीन में उतारने वाले पैराशूट का निर्माण किया है। इसे पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम नाम दिया गया है। इसकी मदद से युद्ध के मैदान में सात टन तक वजनी सामान को पैराशूट के जरिए आसानी से पहुंचाया जा सकता है।

इसकी अनिवार्य स्वीकृति के लिए भारतीय सेना, वायुसेना और एडीआरडीई की संयुक्त टीम ने आगरा के मलपुरा स्थित पैरा ड्रॉपिंग जोन में दो सिस्टम का सफल परीक्षण किया। इसमें आईएल-76 विमान से दो पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम को 280 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे विमान से 600 मीटर की ऊंचाई से नीचे छोड़ा गया।

एडीआरडीई के आगरा के निदेशक अरुण सक्सेना ने बताया कि यह पी -7 हैवी ड्रॉप सिस्टम पूरी तरह स्वदेशी है और आईएल 76 विमानों की मदद से सैन्य उपकरणों को लाने ले जाने में सक्षम है। इसके पहले भी ट्रायल हो चुके हैं। पी-7 हैवी ड्रॉप सिस्टम का निर्माण कंपनी एलएंडीटी कर रहा है जबकि इसके लिए पैराशूट निर्माण ऑर्डनेंस फैक्टरी कर रही है।

तैयार किये गए पैराशूट पर तेल व पानी का कोई असर नहीं है और इन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल भी किया जा सकता है। डीआरडीओ काफी लंबे समय से इस सिस्टम को बनाने में जुटा था। पिछले करीब 5 सालों से हैवी ड्रॉप सिस्टम की टेस्टिंग जारी है।

इस पैराशूट के परीक्षा के दौरान डीआरडीओ सहित रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। ट्रॉयल सफल होने के बाद पैराशूट को भारतीय सेना में शामिल करने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है।

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