आगरा आये सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के राज्यपाल राम नायक ने आगरा विश्वविद्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान अनावरण के बाद मंच पर प्रदेश सरकार के मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, एससी आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया, मंत्री संदीप सिंह,महापौर नवीन जैन के अलावा जिले के सभी 9 विधायक और दोनों सांसद मौजूद थे।
मंच से उद्बोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प. दीनदयाल की प्रतिमा का लोकार्पण करने का शौभाग्य मिला है। प. दीनदयाल इस विवि के छात्र रहे। उन्होंने विवि की गरिमा को ऊंचाइयों पर ले जाया गया। दीनदयाल की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हुई लेकिन 50 साल बाद भी पंडित दीनदयाल के विचार जीवंत व अजेय है। इस अनूभूति के शिल्पकार उत्तम प्राचार्य से 40 साल पुराना संबंध दिखाया है। आज से चालीस साल पहले प्राचार्य ने के पिता जी झोंपडी में रहते थे लेकिन आज उनके पुत्र ललित कला संस्थान के अध्यक्ष है। सीएम योगी ने कहा कि आगरा विवि का हमेशा से गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने बताया कि उनके दादाजी ने गोरखपुर में एक कॉलेज खोला था जो उस समय आगरा विश्वविद्यालय से संबंध था और यह आगरा विश्वविद्यालय की महत्ता है कि उसे संबंध उनके दादाजी द्वारा बनाया गया कॉलेज आज गोरखपुर विश्वविद्यालय का मान बढ़ा रहा है। योगी जी ने कहा कि ब्रज क्षेत्र में आगरा विश्वविद्यालय स्थापित होने के कारण पंडित दीनदयाल और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर दोनों को एक प्रणेता के रूप में प्रस्तुत करना राष्ट्र हित में है।
वहीं राज्यपाल राम नाईक ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा अनावरण करने के बाद आगरा विश्वविद्यालय को शुभकामनाएं दी और जानकारी देते हुए बताया कि पंडित दीनदयाल के नाम पर ग्राम विकास संस्थान शुरू हुआ । पंडित जी के नाम पर 8 जुलाई 2016 को आगरा आकर एक बिल्डिंग का शिलान्यास किया। इस बिल्डिंग की विशेषता यह है कि जिस दिन यह काम पूरा होगा। उतने दिन में सरकारी कार्य नही हो सकता क्योंकि शिलान्यास का जो डेट बताया जाता है वह समय पर पूरा नही हो पाता और उसका खर्च बढ़ जाता है। यह बीमारी सब जगह है लेकिन इसमें नही दिखा। यह कार्य केवल बिल्डिंग का नही बल्कि पंडित जी के कार्यो का विचार है जिसकी प्रासंगिकता आज भी है। पंडित जी को मैने नजदीकी से देखा। तीन दिन पंडित जी ने मुम्बई में विचार रखे थे जिसे मैंने सुना। ऐसे व्यक्ति का निर्माण देश में कभी कभी ही होता है। जनसंघ का केरल में अधिवेशन था जो उनके जीवन का आखिरी भाषण था। 50 साल बाद भी उनके विचारों का महत्व बना हुआ है। हमारा विचार अंत्योदय है। इनसे जब तक हम आशा और कुशाग्र का संदेश नही पहुंचाएंगे तक उद्धार नही होगा। पंडित जी ने कहा था जब तक इन्हे शिक्षा, उद्योग धंधों और स्वास्थ्य से नहीं जोड़ेंगे तब इनका विकास नही होगा। इसके चलते प्रधानममंत्री योजना , आयुष्मान भारत योजना है। मोदी और योगी सरकार दीनदयाल जी के विचारों के आधार पर चल रही है।