आगरा। बुधवार को सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय कलेक्ट्रेट में आलू परिवहन भाड़ा अनुदान जांच समिति ने व्यापारी और किसानों के दावों की गहनता से जांच पड़ताल की। 39 व्यापारियों ने और 5 किसानों ने मंडी सचिव को अनुदान के लिए दावे पेश किए।
समिति के सभापति सिटी मजिस्ट्रेट प्रभाकांत अवस्थी, सदस्य भारतीय किसान संघ प्रांत अध्यक्ष मोहन सिंह चाहर, डीडी उद्यान नीरज कुमार कौशल, मंडी सचिव शिव कुमार राघव, नेमीचंद जादौन ने करीब 39 किसानों के 400 दावे निरस्त कर दिए। क्योंकि दावे 30 दिन के बाद किए गए थे। शासनादेश में दावा 30 दिन के अंदर किया गया ही मान्य है। इतना ही नही इन दावों में गेट पास की मूल प्रति भी नहीं थी इसलिए उनको भी निरस्त कर दिया गया। जाँच में समिति के अनुसार करीब 24-25 दावे ही स्वीकृति के योग्य हैं। 5 किसानों के दावे आए हैं जिसमे किसान पर खेती कम और आलू ज्यादा दिखाया गया है।
अधिकारियों का कहना था कि 6 विसे जमीन में 200 कुंतल आलू कैसे हो सकता है। दावा सही नहीं है। इस पर समिति सदस्य किसान नेता मोहन सिंह चाहर ने किसानों का पक्ष रखते हुए कहा कि कम खेती वाले किसान दूसरे किसान से जिंस अथवा बटाई पर खेत करता है। इसलिए खेती कम होने पर भी आलू अधिक होगा। इस कम खेती को आधार मानकर किसान का दावा खारिज नहीं हो सकता। 5 किसानों के दावे स्वीकृति योग्य हैं। अगर किसानों के दावे स्वीकृत नहीं होंगे तो व्यापारियों के भी नहीं होंगे।
बैठक में समिति के दो अधिकारी एडीएम नागरिक आपूर्ति, एसडीएम एत्मादपुर अनुपस्थित थे, आज स्वीकृत योग्य जो दावे थे उन पर दो अधिकारियों के न होने से समिति के हस्ताक्षर नहीं हुए। मोहन सिंह चाहर ने कहा कि जो दावा शासनादेश के अनुसार सही होगा वही पास होगा।