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एक बार फिर इस नामी अस्पताल पर मरीज़ की हत्या करने के लगे आरोप, कोर्ट ने तय की 1 अक्टूबर की तारीख़

by admin
Once again this renowned hospital was accused of killing the patient, the court fixed the date of October 1

Agra. मौत की मॉकड्रिल के नाम पर मशहूर हुए पारस अस्पताल पर राजस्थान की महिला ने इलाज के नाम पर पति की हत्या करने और दो लाख रुपये के साथ गहने लूटने का आरोप लगाया है। पीड़िता का कहना है कि पुलिस द्वारा शिकायत न दर्ज करने पर उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। न्यायालय ने पीड़िता के वाद को मंजूर करते हुए 1 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख दी है।

घटना 11 मई की बताई जा रही है। राजस्थान के जयपुर के रहने वाले सुनील यादव को उनकी पत्नी नम्रता यादव बुखार और शुगर बढ़ने की शिकायत पर आगरा दिल्ली हाइवे स्थित श्री पारस अस्पताल लाया गया था। पीड़िता का आरोप है कि अस्पताल संचालक डॉ अरिंजय जैन ने पति को कोरोना पॉजिटिव बताते हुए भर्ती कर लिया लेकिन पॉजिटिव होने की कोई रिपोर्ट नहीं दी। इलाज के नाम पर तत्काल 1 लाख 98 हजार जमा करवा लिए। अगले दिन डॉ अरिंजय जैन ने उनसे पति की जान बचाने में पांच लाख रुपये का खर्च आने की बात कही। इसके बाद 13 मई को पति की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। डाक्टर अरिंजय ने उनसे पैसे लाने को कहा और इसके बाद मात्र दो दिन में अपने अस्पताल के मेडिकल स्टोर में दो लाख रुपये की दवाई खरीदने का पर्चा दिया और पेमेंट करने को कहा।

महिला का आरोप है कि बिल देने के बाद उसके पास पैसे न होने पर डॉ अरिंजय की नजर मेरे गले की जंजीर और हाथों में पहनी सोने की जंजीर पर पड़ी। उन्होंने कर्मचारियों की मदद से जंजीर और चेन उतरवा ली। इसके बाद इलाज न करते हुए मेरे पति को मार डाला। कर्मचारियों ने बिना शिकायत चुपचाप पति का शव लेकर वहां से चले जाने की धमकी दी। उन्होंने अपने हर जगह सम्बन्ध होने की बात कहते हुए शिकायत करने पर बुरा अंजाम होने की बात कह कर भगा दिया। पीड़िता शिकायत लेकर गयी पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद उसने न्यायालय में आकर न्याय की गुहार लगाई है।

पीड़िता नम्रता यादव की ओर से न्यायालय में धारा 156/3 सीआरपीसी दाखिल करने वाले अधिवक्ता आशुतोष श्रोत्रिय ने बताया है की पीड़िता के पास बिल मौजूद हैं जो नियमानुसार से ज्यादा के हैं और पीड़िता के दो बच्चे हैं जिनके सर से पिता का साया उठ चुका है। ऐसे मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई होनी चाहिए। न्यायालय का धन्यवाद देता हूँ जो उन्होंने पीड़ित का वाद स्वीकार कर रिपोर्ट मांगी है और सुनवाई के लिए 1 अक्टूबर की तारीख दी है। पूरे प्रकरण पर डॉ अरिंजय जैन का पक्ष जानने का प्रयास किया गया पर संपर्क नहीं हो पाया।

आगरा मंडल में कोरोना फैला कर जाने कितनों की मौत के जिम्मेदार बने डाक्टर अरिंजय जैन पर मीडिया ट्रायल के बाद सिर्फ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर अस्पताल सील करने की कार्यवाई कर प्रशासन ने इतिश्री कर ली थी। इसके बाद गुपचुप तरीके से पारस अस्पताल की सील भी खुल गयी थी। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दागी अस्पताल को कोविड सेंटर बना दिया गया और फिर 5 मिनट आक्सीजन बन्द कर मौत की मॉकड्रिल करने की बात कहते हुए 22 मरीज छटने और उनकी तड़प तड़प कर मौत की बात कबूलने का कथित वीडियो वायरल का मामला पूरे देश की सुर्खियां बना था। जांच के बाद अस्पताल सील किया गया और लाइसेंस निलंबित करने के आदेश जारी हुए।

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