रामपुर रज़ा पुस्तकालय ने भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए एक प्रदर्शनी आयोजित की। वहीं इस दौरान लाइब्रेरियन का कहना है कि “इस दिन को चिह्नित करने के लिए यह पहली बार है कि हमने स्वतंत्रता सेनानियों पर लिखी किताबें प्रदर्शित की हैं।”
रजा रामपुर लाइब्रेरी उत्तर प्रदेश के रामपुर में स्थित है।बता दें यह सन 1774 में नवाब फैज़ुल्लाह खान द्वारा स्थापित की गई थी। उस दौरान उन्होंने अपनी सारी किताबें दान में दे दी थीं , जो उन्होंने अपने पूर्वजों से प्राप्त की थीं। मिली जानकारी के मुताबिक यहाँ वो पुस्तकें हैं जो नवाबों के तोशाखाना में रखी हुआ करतीं थीं।तोशाखाना, राजघरानों में वह स्थान हुआ करता था जहां राजाओं के पहनने के बढ़िया कपड़े,गहने आदि रहते थे। रामपुर के रज़ा पुस्तकालय में भारत और इस्लामी संस्कृति का अच्छा संग्रह मौजूद है।
इस पुस्तकालय में 30,000 से भी ज्यादा पुस्तकों और कई भाषाओं की पत्रिकाओं का संग्रह मौजूद है।इस समय यह पुस्तकालय ‘भारत सरकार’ द्वारा संचालित किया जा रहा है।रज़ा पुस्तकालय दक्षिण एशिया के मुख्य पुस्तकालयों में से एक है। विभिन्न धर्मों, परंपराओं से संबंधित कार्यों के अतिरिक्त, यह भारतीय-इस्लामी अध्ययन और कलाओं का खज़ाना भी माना जाता है।इस पुस्तकालय की खास बात यह है कि यहां इस्लामी सुलेख के नमूने और खगोलीय उपकरणों का विविध और मूल्यवान संग्रह, जैसे- ऐतिहासिक स्मारकों, पांडुलिपियों, मुग़ल लघु चित्रों, फ़ारसी और अरबी भाषाओं के दुर्लभ संग्रह उपलब्ध है।