देश में गर्मियों का मौसम शुरू होने के साथ-साथ आगजनी की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं। घटना ओड़िशा के मयूरभंज जिले की है जहां करीब 15 दिनों से सिमलीपाल नेशनल पार्क आग की लपटों से घिरा हुआ है।मिली जानकारी के मुताबिक यहां करीब 15 दिनों से भीषण आग लगी हुई है। लेकिन आरोप है कि इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं जा रहा।
सिमलीपाल 1060 स्क्वायर मीटर में फैला देश का महत्वपूर्ण नेशनल पार्क है।यह जगह मयूरभंज एलीफेंट रिजर्व का हिस्सा कहा जाता है। साथ ही एक टाइगर रिजर्व भी है।यहां लगी आग पर्यावरण एक्सपर्ट्स के लिए चिंता का विषय है।बता दें सिमलीपाल का जंगल बंगाल टाइगर , एशियाई हाथी ,गौर और चौसिंघा का घर होने के साथ-साथ खूबसूरत जोरांदा और बेरीपानी फॉल्स के लिए जाना जाता है। वर्ष 2009 में इसे वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फियर रिजर्व के रूप में घोषित किया गया था।
मिली जानकारी के मुताबिक इस लगी भीषण आग बुझाने की कोशिशें लगातार जारी है। इस पार्क में करीब 399 फायर प्वाइंट्स को पहचाना गया है। इसका ईस्ट घाट लाल सिल्क कॉटन पेड़ों के लिए जाना जाता है।
यहां के जंगल में करीब 3000 प्रकार की वनस्पतियां जिसमें से करीब 94 प्रकार की प्रजातियां आर्किड की मौजूद हैं।ऐसा कहा जाता है कि इस नेशनल पार्क में पानी और जमीन यानी जलचर और उभयचर दोनों प्रकार के 12 प्रकार के जानवर 29 तरह के सरीसृप 264 प्रकार के पंछी और 42 प्रकार के स्तनधारी जीव जंतु मौजूद हैं। गर्मी के मौसम में अक्सर यहां आग की घटनाएं होती रहती हैं।
अमूमन देखा जाता है कि यहां आग लगने का कारण मानवीय कारण होते हैं । हालांकि आसमानी बिजली के चलते भी कभी कभी आग लग जाती है।