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आगरा विवि के अधिकारियों पर NSUI ने लगाया घोटाले का आरोप, परीक्षा शुल्क का खेल भी उजागर

by admin

आगरा। आज मंगलवार को एनएसयूआई (NSUI) द्वारा आगरा विश्वविद्यालय के कुलसचिव कार्यालय पर प्रेस वार्ता की गई जिसमें छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर घोटाले का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि निजी फायदे के लिए विश्व विद्यालय प्रशासन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष एवं एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरव शर्मा ने बताया कि डॉ० भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में इस समय छात्रों की समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है। इस समस्याओं की आड़ में विश्वविद्यालय के अधिकारी छात्रों के पैसे का दुरूपयोग कर तमाम घोटाले कर रहे हैं।

एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने आगरा विश्वविद्यालय में किए जा रहे निम्नलिखित घोटालों को लेकर विवि अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए-

  1. विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2022 – 23 की आवासीय संस्थानों के लिए विज्ञापन हर वर्ष की भाँति निकालता है। इस विज्ञापन पर विश्वविद्यालय द्वारा इतना पैसा खर्च किया गया है जितना शैक्षिक सत्र 2022-23 में नये प्रवेशित छात्रों से एक वर्ष की शुल्क प्राप्त नहीं कर सकते। इस विज्ञापन को सत्या एडवटीइज कम्पनी, आगरा को दिया गया है। इस बार दो बार में 2 करोड़ 20 लाख 48 हजार 6 सौ रूपये विज्ञापन पर खर्च किये गये हैं। यानी आगरा विवि में आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया वाला हिसाब चल रहा है।
  2. विश्वविद्यालय के आवासीय संस्थानों में अध्ययनरत पीएचडी सत्र 2018 के छात्र-छात्राओं के लिए कुलसचिव के आदेशानुसार पत्र संख्या RUSA/221 1 नवंबर 2021 को एक पत्र जारी किया गया। इस पत्र के अनुसार विश्वविद्यालय पीएचडी के आरक्षित 50 छात्र छात्राओं को 5000 रूपये प्रति माह एक वर्ष के लिए स्कॉलरशिप देगी। छात्रों से आवदेन कराये गये एवं प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी और कहा गया कि पैसा छात्रों के बैंक एकाउंट में भेज दिया जायेगा लेकिन किसी छात्र के पास कोई पैसा नहीं आया। छात्रों के पूछने पर कहा जाता है कि पैसा वापिस RUSA पर चला गया है।
  3. अभी विगत कुछ दिनों पूर्व एक प्रकरण सामने आया है, विश्वविद्यालय में परीक्षा का कार्य कर रही एजेंसी डिजिटेक्स प्राईवेट लिमिटेड द्वारा छात्रों की परीक्षा शुल्क 800 /- रूपये प्रति छात्र की जगह 1300 /- रूपये प्रति छात्र कर दिया गया। इसमें छात्रों से हज़ारों छात्रों से 500 रुपये अतिरिक्त लिए गए। आगरा विवि इसकी जवाबदेही अभी तक तय नहीं कर पाया है।
  4. परीक्षा विभाग के स्थानांतरण के नाम पर घोटाला किया गया है।
  5. खंदारी परिसर स्थित नवनिर्मित भवन शिवाजी मंडपम का पूर्ण भुगतान होने के पश्चात भी लगभग 1 करोड़ 75 लाख रूपये का भुगतान फॉल सीलिंग के नाम पर कर दिया गया।

एनएससीआई पदाधिकारियों ने कहा कि उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय में किए जा रहे हैं घोटालों की लंबी सूची तैयार कर ली है और इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की जायेगी। सीएम से इन घोटालों में जाँच कर दोषियों पर प्रशासनिक एवं कानूनी कार्यवाही की माँग की जायेगी।

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