Agra. खेरिया मोड़ – ईदगाह के बीच बने ओवर ब्रिज के जीर्णोद्धार और मरम्मत का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। ओवरब्रिज की मरम्मत के कार्य में अत्याधुनिक मशीनों और तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे यह ओवरब्रिज ज्यादा मजबूत हो जाये और उसकी लाइफ भी बढ़ जाये। वैसे तो इस पुल की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों के कंधे पर थी लेकिन इसको निजी हाथों में सौंप दिया गया है। एएम बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी ऑफिस ओवर ब्रिज के जीर्णोद्धार व मरम्मत का कार्य देख रही है।
इस ओवरब्रिज में मुख्य काम बेयरिंग को बदलना है। बेयरिंग अत्यधिक पुरानी हो गई है और उनकी मियाद भी खत्म हो गई है। कंपनी के लोग हाइड्रोलिक जैक लगाकर इन बेयरिंग को खोलने का काम कर रहे हैं। हाइड्रोलिक जैक के माध्यम से बेयरिंग वाली हिस्से को यानी ओवरब्रिज को हाइड्रोलिक जैक से ऊपर उठाया जाता है जिससे इन बेयरिंग को आसानी से खोला जा सके लेकिन जंग खा चुकी इन बेयरिंग को खोलने में भी कर्मचारियों को खासा मशक्कत करनी पड़ रही है।
बेयरिंग बदलने का काम कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि स्थिति यह है कि एक एक बेयरिंग को खोलने में कम से कम एक से डेढ़ दिन लग रहा है लेकिन बेयरिंग खुलने के बाद तुरंत दूसरी नई बेयरिंग लगाई जा रही है जो अत्याधुनिक तकनीक और मटेरियल से लैस है।
मेट्रो तकनीक का उपयोग
कंपनी के इंजीनियर इरशाद बताते हैं कि इस पुल के जीर्णोद्धार व मरम्मत के कार्य में मेट्रो जैसी तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। पुल की मरम्मत के दौरान जहां जहां पुल कमजोर दिखाई दे रहा है या मटेरियल कमजोर दिख रहा है वहां ए पोक्सि केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस केमिकल के माध्यम से जहां-जहां दरारे आ रही हैं, उस स्थान को यह केमिकल और ज्यादा मजबूत बना देता है। मटेरियल में यह केमिकल मिल जाने के बाद उसे लोहे से ज्यादा स्ट्रांग बना देता है।
ओवर ब्रिज में होगा यह कार्य
आरओबी के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दो करोड़ 70 लाख रुपये आवंटित किए हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा जीर्णोद्धार का कार्य कराया जा रहा है। इस पुल के जीर्णोद्धार के कार्य में बेयरिंग, एक्सपेंशन जॉइंट्स की मरम्मत, पुल के दोनों साइड की रेलिंग निर्माण के साथ कई कार्य किए जाएंगे।
पीडब्ल्यूडी विभाग ने इस पुल की मरम्मत व जीर्णोद्धार के कार्य के लिए लगभग 35 दिन का लक्ष्य रखा है और कंपनी को भी 35 दिनों के अंदर इस कार्य को पूरा करना है। कंपनी के इंजीनियर इरशाद का कहना हैं कि काम दिन रात चल रहा है और उनका लक्ष्य है कि जो समय पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है उससे दो-तीन दिन पहले ही इस कार्य को समाप्त करके उन्हें पुल सौंप दिया जाए।