आगरा। भारतीय संस्कृति से लोगों को रूबरू कराने के लिए ताजनगरी में चल रहे ताज महोत्सव के अंतर्गत शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने और लोगों को इसके प्रति जागरूक बनाने के लिए मंथन किया गया। अशोक मेडिकेयर एंड रीसर्च फाउंडेशन की ओर से अशोक कॉसमॉस मॉल में दो दिवसीय आगरा ग्रीन फेस्टिवल का आयोजन किया गया। इस फेस्टिवल का शुभारंभ डीआईजी लव कुमार ने भगवान श्री गणेश की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया। इस कार्यक्रम के आयोजक पुलवामा हादसे को भी नही भूले। उस कार्यक्रम की शुरुआत करने से पहले सभी ने शहीदों को दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद आगरा शहर को ग्रीन आगरा बनाये जाने को लेकर चर्चाए की गई।
मुख्य अतिथियों का कहना था कि ताज के कारण आगरा विश्व विख्यात है लेकिन सर्वाधिक प्रदूषित शहर में भी शुमार है। इसके लिए हमें सिर्फ चिन्ता ही नहीं कुछ काम भी करना होगा। स्वच्छ पर्यावरण के प्रति जन जागरूकता की इस श्रंखला को आगे बढ़ाना होगा, जिससे हर व्यक्ति पर्यावरण बचाने के लिए आगे आये।
इस दौरान डीआईजी लव कुमार ने अपने विचार व्यक्त किए और ग्रीन आगरा बनाने के लिए पॉलीथिन का प्रयोग न करने व रिन्युएबिल एनर्जी को प्रयोग में लाने पर भी जोर दिया। हमे चिंता ही नही काम भी करने होंगे। प्रील्यूड स्कूल के निदेशक सुशील गुप्ता का कहना है कि आगरा को हर तरह से प्रदुषण मुक्त बनाने के लिए स्कूल भी साथ है। हर स्कूल में अधिक से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। इतना ही नही एक वर्ष में एक लाख पौधे व 10 हजार घरों को ग्रीन होम बनाने का संकल्प 35 से अधिक संस्थाओं ने लिया है।
अशोक ग्रुप की एमडी डॉ. रंजना बंसल ने अतिथियों का स्वागत पौधे भेंट कर किया। पर्यावरण को स्वच्छ व प्रदूषण रहित बनाने के मंत्र लव ग्रीन, लिव ग्रीन, और थिंक ग्रीन का संदेश दिया और कहा कि हमें सिर्फ प्रकृति से लेना ही नहीं देना भी सीखना चाहिए। 2020 तक शहर में एक लाख पौधे लगाने व 10 हजार घरों को ग्रीन होम बनाने का संकल्प लिया गया। इस संकल्प को स्कूलों व संस्थाओं की मदद से पूरा किया जाएगा। राउंड टेबिल डिसकशन में रीयूज, रीसाइकिल, रिड्यूज व रिफ्यूज मंत्रों पर चर्चा की गई। विद्यार्थियों व अतिथियों ने आसमान में हरे रंग के गुब्बारे उड़ाकर हरियाली का संदेश दिया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से नेशनल चैम्बर के अध्यक्ष राजीव तिवारी, हरविजय वाहिया, सुसील गुप्ता, मीनाक्षी किशोर, प्रद्युम्न चतुर्वेदी, ब्रज खंडेलवाल, वत्सला प्रभाकर, अशु मित्तल, वैभव छिब्बर आदि उपस्थित रहे। संचालन श्रुति अग्रवाल ने किया।