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‘डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा माफ़ी मांगों’ की तख्तियां लेकर शहीद की पत्नी का धरना तीसरे दिन भी जारी

by admin
Martyr's wife's dharna continues for third day with placards of 'Deputy CM Dinesh Sharma apology demands'

Agra. अपने शहीद पति के सम्मान और आर्थिक मदद के लिए मिली धनराशि की मांग को लेकर परिवार के साथ धरने पर बैठी वीरांगना ममता रावत का धरना समाप्त होने का नाम नही ले रहा है। वहीं इस मामले में अब विपक्षियों ने राजनीतिक रोटी सेंकना शुरू कर दिया है। बीते दिन सपाइयों ने धरना स्थल पर जाकर डिप्टी सीएम पर सवाल उठाए तो वहीं आज आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर पीड़ित परिवार ने हाथों में ‘दिनेश शर्मा माफी मांगो’ की तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया।

आपको बताते चले कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में आगरा के कौशल रावत शहीद हो गए थे। उनकी शहादत के दौरान कई घोषणाएं हुई और शिक्षा विभाग के शिक्षकों ने उनके परिवार की मदद के लिए धनराशि एकत्रित किये लेकिन वो भी नही मिले। इन मांगों को पूरा न होने से आक्रोशित शहीद कौशल रावत की पत्नी ने धरना करने का एलान किया था और कुछ भी न होने पर एक जुलाई को शहीद पति के स्मारक पर धरना शुरू कर दिया। इस दिन उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा दो दिवसीय दौरे पर आए। आगरा आगमन पर वो शहीद की पत्नी से भी नहीं मिले। दूसरे दिन सर्किट हाउस में भी बैठक लेने के दौरान उन्होंने धरना स्थल जाने की जहमत नहीं उठाई। किरकिरी होने पर भाजपा विधायक हेमलता दिवाकर धरना स्थल पहुँची और शहीद की वीरांगना से फोन पर वार्ता करायी। फोन पर वार्ता के दौरान उन्होंने वीरांगना की समस्याओं को तो नही सुना बल्कि स्मारक के लिए जमीन न देने के सवाल पर उन्होंने कहा दिया कि कहरई की जमीन बेशकीमती है।

उप मुख्यमंत्री के इस जबाव से शहीद के परिवार में रोष व्याप्त है। शहीद की पत्नी ममता और परिवार के लोग धरने पर हाथों में उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा माफी मांगो की तख्तियां लेकर बैठ गए है।

Martyr's wife's dharna continues for third day with placards of 'Deputy CM Dinesh Sharma apology demands'

इस दौरान आप पार्टी के जिला अध्यक्ष बन्ने सिंह पहलवान और पार्टी कार्यकर्ता वीरांगना ममता रावत से मिलने के लिए पहुँचे, जहाँ उन्होंने पीड़िता से वार्ता कर जानकारी ली और उनकी हर संभव मदद का आश्वासन दिया। बन्ने सिंह पहलवान का कहना है कि कितनी दु:ख की बात है कि उप मुख्यमंत्री को शहीद की पत्नी जो धरने पर बैठी है, उससे मिलने का समय नही मिला जबकि वे धरना स्थल से मात्रा 500 मीटर दूरी पर रात्रि भोज पर जाने से नहीं चूके।

शहीद की पत्नी ममता रावत और उनके पुत्र का कहना है कि दूरभाष पर वार्ता करने पर उन्होंने किसी तरह से संतुष्ट नही किया बल्कि स्मारक के लिए जमीन की बात करने पर उन्होंने कहा दिया कि कहरई की भूमि कीमती है। इस तरह की बात करके उन्होंने शहीद कौशल की शहादत को पैसों से तोल दिया है। इस पर उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

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