AGRA। पुलवामा हमले ( Pulwama attack) में देश के नाम अपने प्राण न्योछावर करने वाले आगरा के लाल शहीद कौशल रावत ( Kaushal Rawat) की पत्नी ( Wife) ने शिक्षा विभाग पर परिवार के लिए सहायता के लिए एकत्र की गई धनराशि नहीं देने का आरोप लगाया है। उन्होंने पीएम मोदी ( PM Modi) और सीएम योगी ( CM Yogi) से गुहार लगाई है कि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा शहीद के परिवार की आर्थिक मदद जल्द नहीं मिली तो वह आत्महत्या करेगी।
बताते चलें कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा योद्धा शहीद हुए थे। शहीदों के नाम में कहरई निवासी कौशल कुमार रावत भी नाम था। सरकार ने शहीद के परिवार से कई वादे किए, लेकिन आज कोई वादा पूरा नहीं हुआ। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग ने शहीद परिवार के लिए एकत्रित की गई 65.57 लाख की धनराशि अब तक नहीं दी गई है।
शहीद की पत्नी ममता रावत का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शहीद परिवार की आर्थिक तंगी के चलते राज्य सरकार की ओर से 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद, शहीद स्मारक बनाने के लिए जमीन देने, गांव से लगती सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर रखने का वादा किया था। इसमें सिर्फ 25 लाख रुपये राज्य सरकार की ओर से मिले। इसके बाद शासन और प्रशासन के अफसरों से आज तक कोई सुध नहीं ली है।
शहीद की पत्नी ममता रावत का कहना है कि सितम्बर 2019 में आगरा के शिक्षण संस्थानों के शिक्षक और अन्य कर्मचारियों ने शहीद के परिवार की आर्थिक सहायता के लिए 1000 रुपये प्रति शिक्षक स्वेच्छा से दिए थे। इसके आधार पर शिक्षा विभाग ने 65 लाख 57 हजार की धनराशि एकत्रित की गई थी। इस राशि को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा दिया गया, लेकिन 30 महीने बीते जाने के बाद भी अब तक शहीद परिवार को उक्त धनराशि नहीं मिली है।
शहीद के परिवार ने स्मारक बनाने के लिए अधिकारियों की चौखट पर महीनों चक्कर काटे। इसके बाद भी भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई। मान और सम्मान के लिए शहीद के परिवार ने अपनी ही जमीन पर स्मारक बनवा लिया और पत्नी ममता रावत ने देश के योद्धा कौशल रावत की प्रतिमा अनावरण के लिए अधिकारियों के आने की बाट जोह रही है।
शहीद की पत्नी ममता का कहना है कि अब परिवार के सब्र का बांध भी टूटने लगा है। सरकारी घोषणाएं कागजों पर सिमटकर रह गई हैं। ममता रावत ने ऐलान किया कि आखिरी बार सीएम योगी और पीएम मोदी से आर्थिक सहायता हेतु एकत्र की गई धनराशि देने की अपील कर रही हैं, अब अगर सुनवाई नहीं हुई तो वह आत्महत्या कर लेंगी।