Agra. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर देश को संबोधित किया। मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से वह देशवासियों से रूबरू हुए। मन की बात कार्यक्रम के दौरान उन्होंने देश के सामने अपनी बातों को रखा, साथ ही फोन पर लोगों से भी खुलकर चर्चा की। पीएम नरेंद्र मोदी का मन की बात कार्यक्रम का यह 99वां एपिसोड था और इस एपिसोड में बेटियों की खूब सराहना हुई। महिला सशक्तिकरण पर खुलकर जोर दिया गया।
छावनी मंडल की ओर से एक होटल में मन की बात कार्यक्रम का आयोजन रखा गया था। बड़ी टीवी लगाकर सभी भाजपा कार्यकर्ताओं ने मन की बात कार्यक्रम को सुना। लगभग 30 मिनट तक चले इस कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर चर्चा की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण पर चर्चा करते हुए मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की की। उन्होंने कहा कि आज भारत का जो सामर्थ्य नए सिरे से निखरकर सामने आ रहा है, उसमें बहुत बड़ी भूमिका हमारी नारी शक्ति की है। आपने सोशल मीडिया पर, एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव जी को जरुर देखा होगा। सुरेखा जी, एक और कीर्तिमान बनाते हुये वंदे भारत एक्सप्रेस की भी पहली महिला लोको पायलट बन गई हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि इसी महीने प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा और डायरेक्टर कार्तिकी गोंज़ाल्विस उनकी डॉक्युमेंट्री ‘Elephant Whisperers’ ने Oscar जीतकर देश का नाम रौशन किया है। उन्होंने कहा, ‘देश के लिए एक और उपलब्धि Bhabha Atomic Reseach Centre की Scientist, बहन ज्योतिर्मयी मोहंती जी ने भी हासिल की है। ज्योतिर्मयी जी को Chemistry और Chemical Engineering की field में IUPAC का विशेष award मिला है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में ही भारत की Under-19 महिला क्रिकेट टीम ने T-20 World cup जीतकर नया इतिहास रचा। नागालैंड में 75 वर्षों में पहली बार दो महिला विधायक जीतकर विधानसभा पहुंची है। इनमें से एक को नागालैंड सरकार में मंत्री भी बनाया गया है। यानि, राज्य के लोगों को पहली बार एक महिला मंत्री भी मिली हैं। कुछ दिनों पहले मेरी मुलाकात, उन जांबांज बेटियों से भी हुई, जो तुर्किए में विनाशकारी भूकंप के बाद वहां के लोगों की मदद के लिए गयी थीं। ये सभी NDRF के दस्ते में शामिल थी। उनके साहस और कुशलता की पूरी दुनिया में तारीफ़ हो रही है।
ऑर्गन डोनेशन पर दिया जोर
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में परमार्थ को सर्वोपरि रखा गया है। इसलिए हमें दधिचि जैसे दानियों की गाथाएं सुनाई जाती हैं। मेडिकल साइंस की बदौलत हम ऑर्गन डोनेशन किसी को जीवन देने का एक बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। एक व्यक्ति जब ऑग्रर्न डोनेट करता है तो उससे 8 से 10 लोगों को नई जिंदगी मिलती है।
साल 2013 में हमारे देश में ऑर्गन डोनेशन के 5 हजार से भी कम केस थे, लेकिन 2022 में ये संख्या बढ़कर 15 हजार से ज्यादा हो गई है। ऑर्गन डोनेशन करने वाले व्यक्तियों ने, उनके परिवार ने वाकई बहुत पुण्य का काम किया है। जो लोग ऑर्गन डोनेशन का इंतजार करते हैं, वो जानते हैं कि इंतजार का एक-एक पल गुजरना, कितना मुश्किल होता है। ऐसे में जब कोई अंगदान या देहदान करने वाला मिल जाता है, तो उसमें ईश्वर का स्वरूप ही नजर आता है।
पीएम मोदी ने ऑगर्न डोनेट करने वाले लोगों के परिवार से बात की। पीएम मोदी ने पंजाब के एक परिवार से बात की, जिसने अपनी 39 दिन की बेटी की मौत होने के बाद उसके अंगदान किए। इसके बाद पीएम मोदी ने अभिजीत चौधरी से बात की, जिनकी मां ने अपनी मौत से पहले ही अपने अंगदान का फैसला लिया था, जिसे उनके जाने के बाद पूरा किया गया।
सौराष्ट्र-तमिल समागम
पीएम मोदी ने कहा कि ‘काशी-तमिल संगमम के दौरान, काशी और तमिल क्षेत्र के बीच सदियों से चले आ रहे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को Celebrate किया गया। Unity की इसी Spirit के साथ अगले महीने गुजरात के विभिन्न हिस्सों में ‘सौराष्ट्र-तमिल संगमम’ होने जा रहा है। सौराष्ट्र-तमिल संगमम 17 से 30 अप्रैल तक चलेगा। सदियों पहले सौराष्ट्र के अनेकों लोग तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में बस गए थे। ये लोग आज भी ‘सौराष्ट्री तमिल’ के नाम से जाने जाते हैं।’