Agra. बसपा और भाजपा में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चल रही खींचतान के बीच भाजपा की मंजू भदौरिया के सिर पर ताज सजना लगभग तय हो गया है। शनिवार को मंजू भदौरिया ने दलबल के साथ अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान पार्टी के सभी विधायक, सांसद, और राज्यमंत्रियों के साथ पार्टी के जिला एवं महानगर अध्यक्ष शामिल रहे। मंजू भदौरिया के नामांकन के दौरान उनके खिलाफ एक भी प्रत्याशी सामने नहीं आया और उनके निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इसके अलावा वे जिला पंचायत की कुर्सी पर निर्विरोध जीतने का इतिहास भी रचने जा रही हैं।
प्रत्याशी डा. मंजू भदौरिया शमसाबाद के वार्ड 36 से जिला पंचायत सदस्य चुनी गई। वह उच्च शिक्षित होने के साथ ही पूर्व विधायक डा. राजेंद्र सिंह की बहू हैं और कुं. संजय सिंह की धर्मपत्नी है। एक लंबे समयांतराल के बाद डा.राजेंद्र सिंह की सियासी ताकत दिखी है। मंजू भदौरिया दोपहर के बाद अपने दलबल के साथ जिला मुख्यालय पहुँची और नामांकन किया।
लगभग तीन बजे तक जब कोई अन्य परचा दाखिल करने नहीं आया तो कलक्ट्रेट परिसर जय घोष के नारों से गूंज उठा। आगरा में बसपा, सपा व अन्य किसी राजनीतिक दल के जिला पंचायत सदस्य ने अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी नहीं की है। नामांकन पत्र भी नहीं खरीदा है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी मंजू भदौरिया का एकल नामांकन होने पर उनके निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ हो गया।
जिला पंचायत राज कायम होने के बाद से अब तक इस पद पर तीन महिलाएं आसीन हो चुकी हैं लेकिन शिक्षा के मामले मंजू भदौरिया सबसे आगे हैं। वह एमबीए पीएचडी हैं। कुशल गृहणी होने के साथ ही वह एक स्कूल का संचालन भी कर रही हैं। अस्पताल के संचालन में भी उनका योगदान रहता है। जिस परिवार में वह शादी होकर आयी हैं और उच्च कुलीन होने के साथ ही शालीन परिवार है। राजनीति की शिक्षा उन्हें अपने श्वसुर डा. राजेंद्र सिंह से मिलती रहती है। डा. राजेंद्र सिंह पूर्व विधायक होने के साथ ही अच्छे फिजीशियन भी माने जाते हैं।
आगरा जिला पंचायत में 51 सदस्य हैं। किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण पंचायत सदस्यों के मन में लड्डू फूट रहे थे। जितेंद्र चौहान की धर्मपत्नी एक दिन पहले परचा खरीद चुकी थीं। इन सदस्यों को बड़ी उम्मीद थी कि चुनाव होगा लेकिन डा. राजेंद्र सिंह ने एक ही रात में पासा पलट दिया। शहर के समस्त विधायकों, सांसदों को अपने पक्ष में खड़ा कर दिया। उधर एक राज्यमंत्री ने जितेंद्र चौहान को मनाने का प्रयास किया और वे सफल हो गये। इस कारण मंजू भदौरिया के निर्विरोध निर्वाचन का मार्ग प्रशस्त हो गया।
जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रत्याशी मंजू भदौरिया का कहना था कि अगर वह अध्यक्ष बनी तो आगरा जिले के विकास के साथ साथ प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य पर उनका पूरा फोकस रहेगा।