आगरा। 1960 में प्रारम्भ हुए शहर के प्रतिष्ठित साहित्य प्रकाशन (एसबीपीडी) के कार्यलय में घुसकर मारपीट हो गई। बतौर सबूत सीसीटीवी फुटेज भी हैं, लेकिन पुलिस कार्यवाही नहीं कर रही हैं। जांच का आश्वासन देकर दो दिन से टाल रही है। पुलिस के कार्यवाही न करने पर आज साहित्य प्रकाशन (एसबीपीडी) के संजय बंसल ने प्रेस वार्ता कर अपनी पीड़ा बयां की।
बताया कि तुलसी सिनेमा हाई-वे के निकट साहित्य भवन (एसबीपीडी) प्रकाशन भवन है। जहां 16 अगस्त को दोपहर 1:35 बजे मेरे कार्यालय में घुसकर मेरे बड़े भाई राजीव बंसल व भाभी मेघा बंसल 6-7 अज्ञात बदमाशों के साथ जबरन घुस आए। आते ही कहा कि यह प्रापर्टी खाली कर यहां केवल हम काम करेंगे। मैंने विरोध किया तो भाभी मेघा बंसल ने धक्का देकर मुझे चांटा मारा। भाई राजीव बंसल मुझे जान से मारने की नीयत से कुर्सी उठाकर मेरी तरफ दौड़े। किसी तरह मैंने अपनी जान बचाई।
पूरी घटना सीसीटीवी में रिकोर्ड हो गई। यह लोग मुझे धमकाते हुए चले गए कि हमारे खिलाफ सारे मुकदमें वापस ले ले अन्यथा तुझे पूरे परिवार सहित जान से मार देंगे। मैंने अपने साथ घटित घटना की तहरीर तुरन्त थाना न्यू आगरा में दी, लेकिन पुलिस के द्वारा अभी तक मेरा मुकदमा नहीं लिखा गया है। जबकि मैंने उन्हें सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध करा दिए हैं।
संजय बंसल ने कहा कि पूरी प्रापर्टी कब्जाने के उद्देश्य से मेरे ऊपर हमला किया गया है। दोनों भाईयों के बीच मुकदमेंबाजी व रार लम्बे समय से चली आ रही है। संजय बंसल ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में सुनवाई नहीं की तो उनके परिवार व उनकी जान को खतरा हो सकता है।
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