बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा ने “अवैध धर्म परिवर्तन विधेयक 2021” को ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि यह विधेयक विधान परिषद में पास होने के बाद राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। हस्ताक्षर होने के बाद यह एक कानून बन जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने यह विधेयक पेश किया। उन्होंने यह विधेयक पेश करते हुए कहा कि धर्म परिवर्तित कर धोखाधड़ी कर शादी की जा रहीं हैं , जिस पर हम लोगों ने सजा का प्रावधान किया है। वहीं स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के मामले में 2 महीने पहले मजिस्ट्रेट को बताना जरूरी होगा। अगर इस नियम का उल्लंघन किया जाता है तो 6 महीने से 3 साल तक की सजा का प्रावधान है और जुर्माने की राशि ₹10000 से कम की नहीं होगी।पूर्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट द्वारा 24 नवंबर को एक अध्यादेश के माध्यम से लव जिहाद से संबंधित अपराध के लिए 10 वर्ष की सजा निर्धारित की गई थी। अब नए कानून में शादी के लिए दबाव डालकर धर्मांतरण करवाने पर ₹15000 के जुर्माने के साथ 1 से 5 साल तक की जेल का प्रावधान घोषित किया गया है।
बता दें उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा उपचुनाव के दौरान ही इस बात का ऐलान कर दिया था कि लव जिहाद के मुद्दे पर वे कानून लेकर आएंगे। जिसके चलते साल 2020 में 24 नवंबर को गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक को मंजूरी दी गई थी। लव जिहाद के मामले को लेकर सरकार का कहना है कि कानून का मकसद महिलाओं को सुरक्षा देना है।
लव जिहाद के मुद्दे को लेकर सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश , हरियाणा, कर्नाटक सहित अन्य कई भाजपा शासित राज्यों में कानून लाने की लगातार कवायद चल रही है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए लव जिहाद के कानून से उन लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा जो धर्म छुपा कर धोखा देने का दुस्साहस करते हैं।
इस विधेयक में अलग-अलग समुदाय के हिसाब से भी सजा निर्धारित की गई है।अगर एस सी – एस टी समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा किया जाता है तो ₹25000 के जुर्माने के साथ 3 साल से 10 साल तक की जेल का प्रावधान है।
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