आगरा। काफी समय से लंबित चली आ रही अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन उत्तर प्रदेश ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन उत्तर प्रदेश की ओर से चीफ कार्यालय पर दिया धरना दिया गया और लंबित पड़ी मांगों पर अभी तक कोई कार्रवाई ना होने पर अपना आक्रोश भी व्यक्त किया। धरना प्रदर्शन के दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और उन पर कर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान ना देने और उनका मानसिक शोषण करने का आरोप लगाया।
एक दिवसीय धरने के दौरान राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के पदाधिकारियों ने इस बार भी समस्याओं पर कोई ध्यान न दिए जाने पर आर पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। संगठन से जुड़े हुए पदाधिकारियों का कहना है कि कई बार संगठन के प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर विद्युत विभाग के इंजीनियर और कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर धरना देकर उच्च अधिकारियों को उन समस्याओं से अवगत कराया जा चुका है लेकिन आश्वासन मिलने के बाद भी आज तक उन समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पाया है।
संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि उनकी लंबित पड़ी मांगों में से मुख्य मांग पुरानी पेंशन को बहाल करने की है। उनका कहना है कि कर्मचारी 7 साल तक विद्युत विभाग की सेवा करता है और एक उम्र के बाद आर्थिक रूप से उसका सहारा पेंशन होती है। इसलिए पुरानी पेंशन को बहाल किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं उनका कहना था कि वेतन विसंगति की भी समस्याएं उनके सामने है। उनका वेतन ₹4600 ग्रेड पे के हिसाब से होना चाहिए लेकिन अभी उन्हें उस हिसाब से नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर का टाइम स्केल तीन बार मे तीन अधिकारियों अवर अभियंता, सहायक अभियंता और उससे उच्च अधिकारी के अनुसार बदलता है लेकिन अभी तक उनको यह सुविधा भी नहीं दी जा रही है। बरसों से विभाग में कोई भर्ती नहीं हुई है। संविदा कर्मचारी पूरी व्यवस्था को संभाले हुए हैं लेकिन उन्हें आज तक नियमित करने की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।
फिलहाल प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया है कि अगर इस बार भी उनकी आवाज दवाई गई तो आर पार की लड़ाई खुलकर लड़ी जाएगी