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धर्म में राजनीति नहीं बल्कि राजनीति में धर्म का समावेश है जरूरीः आचार्य श्रीकृष्ण प्रकाश

by admin
  • मुस्कान पार्क, सेक्टर आठ में हो रही है श्रीमद् भागवत कथा की अमृत वर्षा, सैंकड़ों श्रद्धालु ले रहे धर्म शिक्षा लाभ
  • कथा के द्वितीय दिवस परीक्षित जन्म, कुन्ती स्तुति, भीष्म स्तुति और शुकदेव आगमन का हुआ प्रसंग

आगरा। धार्मिक कार्यों में यदि राजनीति का समावेश होगा तो समाज सदैव पतन की ओर जाएगा। यदि समाज का समुचित विकास और उन्नति चाहते हैं तो राजनीति में धर्म लाएं, धर्म है तो राजनीति में कभी भी अधर्म नहीं होगा। पितामह भीष्म द्वारा पांडवों को दिए गए उपदेश की ये प्रमुख बातें कथा व्यास आचार्य श्रीकृष्ण प्रकाश पाठक ने कही।

पवित्र माह मार्गशीर्ष के अवसर पर सेक्टर आठ, आवास विकास कॉलोनी स्थित मुस्कान पार्क में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का मंगलवार को द्वितीय दिवस था। द्वितीय दिवस के यजमान सौरभ शर्मा और ममता शर्मा सहित संरक्षक डॉ पार्थ सारथी शर्मा, अशोक चौबे, राजेश चतुर्वेदी, सर्व व्यवस्था प्रमुख श्रीकांत शर्मा, मोहिनी शर्मा, हरिदत्त मिश्र, दिनेश चंद मिश्र ने श्रीमद् भागवत जी का विधिवत पूजन किया।

कथा व्यास आचार्य श्रीकृष्ण प्रकाश पाठक द्वारा परीक्षित जन्म, कुंती स्तुति, भीष्म स्तुति और शुकदेव आगमन कथा प्रसंग कहे गए। उन्होंने कहा कि जीवन में भगवान की कृपा से ही जीव का कल्याण हो सकता है। मनुष्य जीवन में भगवद् भजन अति आवश्यक है। गोकर्ण उपाख्यान से बताया कि ये शरीर नश्वर है और परमात्मा परम सत्य है। इसलिए उनमें ही मन को लगावें। कुंती स्तुति में कहा कि माता कुंती ने भगवान से विपत्ति मांगी थी क्योंकि भगवान को मानव सदैव विपत्ति में ही याद करता है। विपत्ति को उन्होंने भगवान के स्मरण का माध्यम बताया। पांडवों द्वारा पितामह भीष्म की जब स्तुति की गई तो पितामह ने उन्हें राज, दान, मोक्ष और स्त्री धर्म का उपदेश देते हुए संसारवासियों से कहा कि धर्म के कार्यों में राजनीति नहीं करनी चाहिए परंतु राजनीति में धर्म होना आवश्यक है। परिक्षित श्राप की कथा के माध्यम से शुकदेव भगवान आगमन कथा के साथ द्वितीय दिवस प्रसंग का समापन हुआ।

इस अवसर पर मुकेश भारद्वाज, सुधीर चौबे, प्रदीप कौशिक, आनंद मिश्रा, पुलकित शर्मा, विष्णु पाराशर, कपिल वाजपेई विनोद पांडे, अभिषेक शुक्ला, विनय राघव, श्री प्रकाश पाठक, गिरजा शंकर शर्मा, अनीता गौतम, लता शर्मा, विजय कौशिक, दीपमाला, मंजू, कुसुम, राधा शर्मा, प्रेम सिंह, जबर सिंह यादव, शैलेंद्र शुक्ला, दुर्ग सिंह, ममता, संध्या, रेनू, भावना, बेबी, ममता आदि ने भगवान की आरती उतारी। संरक्षक डॉ पार्थ सारथी शर्मा ने बताया कि बुधवार को विदुर उद्धव संवाद, विदुर मैत्रेय संवाद, कर्दम देवहूति कथा, कपिलोपाख्यान, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र आदि कथा प्रसंग होंगे।

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