आगरा। 92 घंटे की इंटरनेट सेवा शुरू करने के बाद एक बार फिर जिला प्रशासन ने 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करने का बड़ा निर्णय लिया है। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ के अलावा फिरोजाबाद, अलीगढ़ और हाथरस में हुए बवाल को देखते हुए जिला प्रशासन आगरा कोई भी लापरवाही नहीं बरतना चाहता है। यही वजह है कि एक बार फिर एहतियातन तौर पर जिला प्रशासन आगरा ने 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करने का बड़ा निर्णय लिया है।
शुक्रवार को जुमे की नमाज पर होने वाले बवाल आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन और जिला पुलिस आगरा 108 प्वाइंटों पर पुलिस बल की तैनाती की है। यानी साफ कर दिया गया है कि शहर की फिजा बिगाड़ने वाले लोगों पर प्रभावी कार्यवाही की जाए। सोशल मीडिया पर जारी होने वाले मैसेज पर पुलिस कड़ी नजर रखे हुए हैं। इसके अलावा मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में पुलिस प्रशासन के अफसर फ्लैग मार्च कर रहे हैं। पीएसी बल को तैनात कर दिया गया है। पुलिस कंट्रोल रूम को प्रभावी बना दिया गया है। पुलिस का खुफिया तंत्र एलआईयू पल पल की रिपोर्ट ले रहा है।
बताते चलें कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जहां उत्तर प्रदेश के लखनऊ और शामली में बवाल हुआ था। इसके अलावा आगरा रेंज और आगरा जोन में फिरोजाबाद, हाथरस और अलीगढ़ में भी जमकर बवाल हुआ था। जहां पुलिस को लाठीचार्ज से लेकर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे।
जिला प्रशासन आगरा के एडीएम सिटी आगरा प्रभाकांत अवस्थी कहते हैं इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के बाद पुलिस को गोपनीय रूप से सूचना मिली कि जुमे की नमाज के बाद कुछ शरारती तत्व शहर की फिजा बिगाड़ सकते हैं। एक गोपनीय सूचना के आधार पर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है और एक बार फिर 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। गुरुवार सुबह 8 बजे से शुक्रवार शाम 6:00 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद करा दिया गया है और पुलिस हर एक स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
इसके अलावा जिला प्रशासन और जिला पुलिस आगरा ने उन लोगों को भी चिन्हित किया है। जो लोग पूर्व में शहर की फिजा बिगाड़ने के आरोप में जेल जा चुके हैं या फिर जिन पर अभियोग पंजीकृत हैं। पुलिस ने ऐसे लोगों की सूची तैयार कर ली है और उन्हें नजरबंद रखा गया है। थानेदार से क्षेत्राधिकारी और मजिस्ट्रेट को तैनात कर के जिले में धारा 144 लागू है। जिले के पुलिस कप्तान बबलू कुमार ने साफ तौर पर दिशा निर्देश दिए हैं कि धारा 144 का उल्लंघन करने वाले लोगों पर धारा 188 के तहत प्रभावी कार्यवाही की जाए।