Home » दस्त रोग से बचाव के लिए शुरू होगा सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा, सीएमओ ने जारी किए दिशा-निर्देश

दस्त रोग से बचाव के लिए शुरू होगा सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा, सीएमओ ने जारी किए दिशा-निर्देश

by admin

आगरा। गर्मी के मौसम में बच्चों को दस्त के रोग से बचाने के लिए बुधवार से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का शुभारंभ किया जाएगा। बाल्यवस्था में दस्त के दौरान ओआरएस व जिंक के उपयोग के प्रति जागरुकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू पखवाड़े का समापन 22 जून को होगा। सीएमओ ने कार्यक्रम के लिए अधीनस्थों को दिशा-निर्देश दिए हैं।

प्रदेश में बाल्यावस्था में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में लगभग 5-7 प्रतिशत मृत्यु दस्त के कारण होती है। प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 16 हजार बच्चे दस्त के कारण काल के गाल में समा जाते हैं। दस्त रोग का उपचार ओआरएस व जिंक की गोली से कर बाल मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। दस्त रोग का प्रमुख कारण पेयजल, स्वच्छता व शौचालय का अभाव पांच वर्ष तक के बच्चों का कुपोषित होना है।

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि पखवाड़े के तहत बाल्यवस्था में दस्त के दौरान ओआरएस व जिंक के उपयोग के प्रति जागरुकता को बढ़ावा दिया जाएगा। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त के प्रबंधन व उपचार के लिए गतिविधियां को बढ़ावा देना, साथ ही उच्च प्राथमिकता व अतिसंवेदनशील क्षेत्र जैसे स्लम, शहरी झुग्गी व खानाबदोश क्षेत्रों में जागरुकता प्रदान करना है।

एसीएमओ आरसीएच डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों को डायरिया होने की अधिक संभावना हो सकती है। बार-बार डायरिया के कारण बच्चे कुपोषण का शिकार हो सकते हैं। इसलिए डायरिया से बचाव के लिए कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

  • पखवाड़े के दौरान ऐसे परिवार, जिनमें पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे हों।
  • पांच वर्ष की उम्र के बच्चे दस्त रोग से ग्रसित हो, उन पर फोकस रहेगा।
  • कम वजन वाले बच्चों को प्राथमिकता देना।
  • सभी सेंटर जहां पर एएनएम न हो या लंबी छुट्टी पर हों।
  • अति संवेदनशील क्षेत्र अरबन स्लम, हार्ड टू रीच एरिया, खानाबदोश, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवारों पर फोकस।
  • छोटे गांव या कस्बे जहां सुविधाओं की कमी हो।

बच्चों को दस्त आने पर यह बरतें सावधानी

  • दस्त के दौरान बच्चों को तरल पदार्थ दिया जाना चाहिए।
  • दस्त होने पर बच्चों को उम्र के अनुसार, 14 दिन तक जिंक की गोली अवश्य दी जाए।
  • पीने के लिए स्वच्छ पेयजल का उपयोग किया जाए।
  • उम्र के अनुसार शिशु/ बाल पोषण संबंधी परामर्श दिया जाए।
  • डायरिया को फैलने से रोकने के लिए शौचालय का उपयोग करना।
  • खाना बनाने से पहले व बच्चों का मल साफ करने के बाद साबुन से हाथ धोएं।

Related Articles

Leave a Comment