- प्रदेश का पहला निर्यात सम्मेलन एक्सपोर्ट सिम्पोजियम 2024 में तलाशी जा रही विश्व बाजार में संभावनाएं
- फतेहाबाद रोड स्थित होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में जुटे निर्यात उद्योग जगत के उद्यमी, बड़ी संख्या में नए निर्यातकों को मिल रहा लाभ
- स्थापित निर्यातकों ने साझा किए अनुभव, बताया कैसे बढ़ें आगे, नए निर्यातकों ने भी किया समस्याओं का समाधान
- विश्व बाजार में निर्यात के लिए प्रतिस्पर्धा के समय में तकनीक और गुणवत्ता का समावेश जरूरी, दिग्गजों ने दी विश्व बाजार से कदम मिलाने की सलाह
आगरा। भारत को दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनाने की कामना और लोकल को ग्लोबल बनाने के ध्येय के साथ उत्तर प्रदेश का पहला निर्यात सम्मेलन एक्सपोर्ट सिंपोजियम 2024 का आयोजन फतेहाबाद रोड स्थित होटल डबल टी बाय हिल्टन में किया गया है। दो दिवसीय आयोजन में बड़ी संख्या में नए निर्यातकों को निर्यात सम्मेलन का लाभ मिल रहा है। निर्यात सम्मेलन का शुभारंभ भगवान गणेश के चित्र के समक्ष दीप जलाकर गणेश वंदना के साथ हुआ। आगरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद, मथुरा सहित कई जनपदों से आए निर्यातकों ने विकसित भारत की कामना के लिए राष्ट्रीय गान के साथ भारत को दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनाने का संकल्प लिया।
निर्यात सम्मेलन के पहले दिन के प्रथम सत्र में औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन सहित विभिन्न मुद्दों पर उद्यमियों ने अपने विचार व्यक्त किये।
स्वागत उद्बोधन में कार्यक्रम कन्वीनर मनीष अग्रवाल ने कहा कि निर्यात सम्मेलन ताज नगरी में उन उद्यमियों को एक नई दिशा और दशा प्रदान करेगा जो अपने उत्पाद को ग्लोबल पहचान के साथ ग्लोबल बाजार में लाना चाहते हैं। घरेलू उद्योग और स्टार्टअप करने वाले उद्यमी विश्व पटल पर अपनी पहचान कैसे बनाएं इस विषय पर मंथन दो दिवसीय आयोजन में किया जा रहा है।
उद्घाटन सत्र में रोमसंस ग्रुप के अध्यक्ष किशोर खन्ना ने कहा भारत के लिए यह एक अमृत काल है। भारत विश्व बाजार में एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है। देश ने अपनी वैश्विक उपयोगिता साबित करके आजादी के सौ वें वर्ष में सफलता का संकल्प लिया है। देश के निर्यात में उत्तर प्रदेश का सातवां स्थान है। ब्रज क्षेत्र के आगरा मथुरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद जैसे जिलों के कांच उत्पाद, ताले, मार्बल, फूड और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के साथ डेली बेसिस प्रोडक्ट भी निर्यात कर विश्व पटल पर एक नया कीर्तिमान हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्केल आफ इकोनामी डेवलप करनी होगी। निर्यात प्रोत्साहन के लिए भारत सरकार को निर्यात पॉलिसी में उद्यमियों के प्रोत्साहन की नीति बनानी होगी। किशोर खन्ना ने नए निर्यातकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमें अपने उत्पादों को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए प्रतिस्पर्धा के समय में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखना होगा। फार्मा इंडस्ट्री के उत्पादों के निर्यात की विश्व भर में अपार संभावनाएं हैं। नई तकनीक और सोच के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है।
आगरा हैंडीक्राफ्ट संगठन के अध्यक्ष रजत अस्थाना ने कहा हैंडीक्राफ्ट उत्पादन के माध्यम से हम विश्व के कई देशों में अपनी अलग पहचान बना सकते हैं। आगरा से बड़ी संख्या में हैंडीक्राफ्ट आइटम, दरी और कालीन उद्योग को प्रोत्साहित कर निर्यात की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा उद्यमियों को ग्लोबल मार्केट में आने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सोच विकसित करने की जरूरत है। बेस्ट मैनेजमेंट का बेहतर उपयोग निर्यात की संभावनाओं को और ज्यादा बढ़ावा देगा। रजत अस्थाना ने कहा ट्रेंड मैनपॉवर को डेवलप करने की जरूरत है। निर्यात में क्वालिटी कंट्रोल का अहम योगदान होता है। नई सोच के साथ व्यापार बदलने की नीति तैयार करनी होगी।
इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव अमर मित्तल ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ व्यापारियों को ठीक से नहीं मिल पा रहा है। सरकार की नीतियों में भी बदलाव की जरूरत है। निर्यात उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विश्व बाजार के अनुरूप प्रशिक्षण की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा निर्यात की नीतिगत समस्याओं के लिए प्रदेश मंडल और जिला स्तर पर कमेटियों का गठन हो।
कांच उद्योग को बढ़ावा देना है तो फिरोजाबाद में बने टेस्टिंग लैबः
निर्यात सम्मेलन में फिरोजाबाद से आए ग्लास इंडस्ट्री एक्सपोर्ट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि फिरोजाबाद की ग्लास इंडस्ट्री 100 वर्ष पुरानी है। विश्व बाजार में फिरोजाबाद का कांच उद्योग 2200 करोड रुपए का एक्सपोर्ट करता है। आज हम चीन को भी कलर ग्लास एक्सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा उद्योगों को बढ़ाने के लिए व्यापारिक माहौल भी बनाना होगा। फिरोजाबाद को ग्लास साइंटिस्ट की जरूरत है। नये डिजाइनर, नए ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट पर फोकस करना होगा। हैंडीक्राफ्ट के कारीगरों को ट्रेंड करने की जरूरत है। फिरोजाबाद का कांच उद्योग लंबे समय से टेस्टिंग लैब की मांग कर रहा है मुरादाबाद जयपुर में टेस्टिंग लैब है लेकिन उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े कांच उद्योग केंद्र फिरोजाबाद को आज तक ग्लास टेस्टिंग लैब नहीं मिल सकी है। सचिव सरवर हुसैन ने कहा कि फिरोजाबाद में ग्लास इंडस्ट्री पार्क बनाने के लिए जो लैंड है उसपर विकास प्राधिकरण का शुल्क अधिक है, जिस वजह से प्राइवेट इंडस्ट्री पार्क विकसित नहीं हो पा रहे हैं।
नई तकनीक और ट्रेंड कारीगरों के अभाव में दम तोड़ रहा आगरा का प्राचीन कालीन उद्योगः−
निर्यात सम्मेलन में आसपास के जनपद से आए निर्यातकों और नए उद्यमियों ने अपने उद्योगों की समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की। इसी बीच आगरा के मुगल कालीन कालीन उद्योग के प्रोत्साहन की आवाज उठी। कालीन उद्योग से जुड़े हुए उद्यमियों ने कहा कालीन उद्योग श्रमिक प्रधान उद्योग है लेकिन यहां के निर्यातक कुशल कारीगर और नई तकनीक के अभाव में जूझ रहे हैं। नई पीढ़ी को प्रशिक्षण देने के लिए नीति बनाए जाने की जरूरत है। कारपेट एक्सपोर्ट इंडस्ट्री संगठन के सचिन ने कहा 15वीं शताब्दी से चल रहा यह उद्योग आगरा की पहचान हुआ करता था। आज तकनीक का समावेश ना होने की वजह से यह उद्योग दम तोड़ता जा रहा है। कारपेट एक्सपोर्ट इंडस्ट्री में विश्व बाजार में अपार संभावनाएं हैं।
सरकार और उद्यमियों के बीच सामंजस्य जरूरी: आर के भारती
निर्यात सम्मेलन में उद्यमियों का मार्गदर्शन करने आए भारत सरकार एमएसएमई के ज्वाइंट डायरेक्टर आरके भारती ने कहा निर्यात उद्योग के प्रोत्साहन के लिए भारत सरकार की बहुत सारी योजनाएं व्यापारियों को प्रोत्साहित कर रही हैं। सरकार और उद्योगपतियों के बीच समंजन की जरूरत है। उन्होंने कहा आगरा जैसे विश्व पटल पर स्थान रखने वाले शहर में कॉमन फैसिलिटी सेंटर की जरूरत है। बेहतर व्यापार के लिए विचार के बदलाव के साथ तकनीक का समावेश उद्योग को आगे ले जाता है। उन्होंने कहा जेवर एयरपोर्ट बनने के बाद आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़ और मथुरा को एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जा सकता है। इस मौके पर उन्होंने नए उद्यमियों की विभिन्न जिज्ञासाओं का भी समाधान किया।
फ्रूट्स एंड वेजिटेबल इंडस्ट्री के निर्यातकों को सावधानी की जरूरत: अमित कंबोज
निर्यात सम्मेलन के द्वितीय सत्र में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसलर अमित कंबोज ने कहा घरेलू व्यापार के मुकाबले निर्यात उद्योग में व्यापारियों का पैसा ज्यादा सुरक्षित है। आज विश्व बाजार के अनुरूप भारत में निर्यात का माहौल बन रहा है। देश में सी कॉरिडोर के अलावा व्यापारिक गलियारे विकसित किया जा रहे हैं। जिनके माध्यम से व्यापारियों का माल कम लागत में समय से फैक्ट्री से पोर्ट तक पहुंचेगा। नए उद्यामियों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए अमित कंबोज ने निर्यातकों को फ्रूट्स एंड वेजिटेबल इंडस्ट्री के एक्सपोर्ट के विषय में सचेत करते हुए कहा इस उद्योग के व्यापारी विशेष सतर्क रहें, जब तक विश्व भर में नई तकनीक और सुरक्षित व्यापार का माहौल नहीं बनता। उन्होंने कहा हमें विश्व के बड़े देशों के अलावा साउथ एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, मिडिल ईस्ट, दुबई मलेशिया जैसे देश में भी निर्यात की संभावनाओं को तलाशना होगा। उन्होंने विभिन्न आंकड़ों के माध्यम से सरकार की नीतियों के साथ विभिन्न वेबसाइट और जानकारियों को निर्यात उद्यामियों के समक्ष प्रस्तुत किया।
निर्यातकों के लिए सरकार बना रही है सरल नीतिः नेपाल सिंह
निर्यात सम्मेलन 2024 में नए निर्यातकों और उद्यमियों के उत्साहवर्धन के लिए आए असिस्टेंट डायरेक्टर एमएसएमइ नेपाल सिंह ने कहा ग्लोबल मार्केट में भारत की ब्रांडिंग के लिए सरकार निर्यातकों के हित में नई नीति तैयार कर रही है। विश्व बाजार की उपयोगिता को समझते हुए निर्यातकों को अपने उत्पादों की गुणवत्ता के साथ नई तकनीक का समावेश करना होगा। उन्होंने कहा आज भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आने वाले समय में विश्व बाजार में भारत की धमक होगी निर्यातकों के दृढ़ संकल्प और उनके उत्पादों की गुणवत्ता से विश्व के बड़े बाजार पर आने वाले दिनों में भारत की अलग छाप होगी।
उद्यमियों ने शेयर किये अनुभव−
बड़ा विजन और सकारात्मक सोच बढ़ाती है उद्योगः रजत अस्थाना
आगरा स्टोन मैन के नाम से पहचान बनाने वाले रजत अस्थाना ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि 1500 की पूंजी और कुछ पैसे बैंक से लोन लेकर अपना पहला उत्पादन निर्यात किया था। विश्व बाजार की मांग और उत्पाद की गुणवत्ता के साथ सकारात्मक सोच से कोरोना काल में भी 305 करोड रुपए का निर्यात किया। उन्होंने कहा समय के बदलाव के साथ इंटरनेट के सही इस्तेमाल की जरूरत है। अपने आप को रोकना नहीं है। हो सकता है शुरुआत में सफलता न मिले लेकिन आप वैश्विक बाजार से अपडेट रहें, आगे बढ़ने की चाहत सफलता जरूर देगी।
फाउंड्री इंडस्ट्री काजिको के डायरेक्टर जय अग्रवाल ने बताया कि उनके दादा ने बटाला से 1940 में आकर फाउंड्री इंडस्ट्री की स्थापना की थी । घरेलू बाजार से निकलकर जब विश्व बाजार की ओर रुख करते हैं तो विभिन्न समस्याओं के साथ नए अवसरों के द्वार खुलते हैं। हमें समय के साथ अपडेट रहने की जरूरत है। समस्याओं के साथ ही समाधान का विकल्प भी तैयार होता है। वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए हमें ग्लोबल बाजार की उपयोगिता और जरूर के हिसाब से अपडेट होना होगा।
निर्यात सम्मेलन नए उद्यमियों को देगा दिशाः डॉ प्रभास्कर राय
निर्यात सम्मेलन में आए ओएनजीसी के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर डॉ प्रभास्कर राय ने कहा ताज नगरी में पहली बार आयोजित हुआ यह निर्यात सम्मेलन निर्यातकों को नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा अगर आपका मिशन बड़ा हो और विजन स्पष्ट हो तो आपको आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता। बाजार में अपनी छाप बनाने के लिए उत्पाद की गुणवत्ता और ब्रांडिंग से समझौता मत करिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा स्वरोजगार और स्वावलंबन के लिए प्रोत्साहित करते हैं। आप व्यापारी हैं नौकरी करने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनिए।
स्टार्ट अप करने वाले नवांकुर उद्यमियों को मिली राह−
निर्यात सम्मेलन में आए नवांकुर उद्यमियों को अपने उद्योग को विश्व पटल पर पहचान दिलाने की राह मिली। स्मार्ट बिजनेस कार्ड बनाने वाले तेजस गोयल अब तक 500 से अधिक कार्ड की बिक्री कर चुके हैं। 2023 में एक विजन को लेकर उद्यम शुरू किया और आज उनके ग्राहक विदेशों में बढ़ रहे हैं।
मार्बल हैंडिक्राफ्ट का स्टार्ट अप 2015 में दीपांशी कटकाटिया ने अपने भाइ के साथ डाला था। आज छोटे रूप में ही सही किंतु उनकी कंपनी दुबई और यूके में अपने उत्पाद पहुंचा रही है। दीपांशी का कहना था कि निर्यात सम्मेलन में आकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। टैक्नो ब्लॉक चौक में डेवलपमेंट करने वाले प्रमिष्ठ अग्रवाल ने 2023 में ही अपना इंटरनेट पर आधारित उद्योग डाला और आज उन्हें यूके और यूएसए में इसका बड़ा बाजार मिल चुका है। वहीं वेडिंग इंडस्ट्री में कुछ अलग करने की इच्छा लिये स्टार्ट अप करने वाले विवेक मंगल ने बताया कि वो लोकल टेलर्स को एक मंच प्रदान कर ब्रांड बना रहे हैं और थीम वेडिंग में उसी थीम पर आधारित ड्रेस डिजाइन कर रहे हैं। इंडियन वेडिंग वियर की मांग विदेशों में अधिक है लेकिन वहां तक कैसे पहुंचा जाए इसका मार्गदर्शन सम्मेलन में मिला है।
पूरन डाबर ने दिया धन्यवाद ज्ञापन
निर्यात सम्मेलन के पहले दिन के सभी सत्र के समापन के उपरांत आयोजन समिति के चेयरमैन पूरन डावर (अध्यक्ष एफमेक) और कॉर्डिनेटर समिति के चेयरमैन राजेश गोयल (अध्यक्ष नेशनल चैंबर) ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में नए उद्यमियों के प्रोत्साहन के साथ वर्तमान में निर्यात कर रहे निर्यातकों को भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा समय के साथ बाजार की जरूरत भी बदलती है।
निर्यात सम्मेलन में इनकी रही सहभागिता
आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार और समिति के संरक्षक आनंद शर्मा, आशीष जैन, टैक्निकल कॉर्डिनेटर राहुल जैन, राममोहन कपूर, ओपी कपूर, केसी जैन, सीए उमेश गर्ग, डॉ प्रशांत शर्मा, संजय कपूर, केसी जैन, संदेश जैन आदि उपस्थित रहे। संचालन अमित सूरी और रिपुदमन सिंह ने किया। व्यवस्थाएं दिलीप कुमार और सागर तोमर ने संभालीं।
आज रहेंगे ये सत्र
प्रातः 11ः00 बजे− उद्घाटन सत्र
दोपहर 12ः30 बजे− एक्सपोर्ट फाइनेंसिंग
दोपहर 02ः30 बजे− ट्रेड पॉलिसी एंड रेगुलेशन, निर्यात पर जीएसटी,
दोपहर 03ः30 बजे− रिस्क मैनेजमेंट एंड क्लेम
सायं 04ः00 बजे−− साइबर सिक्योरिटी, ई-कॉमर्स और डिजिटल ट्रेड पर चर्चा
सायं 4ः30 बजे− निर्यात में स्थिरता विषय पर परिचर्चा और समापन