आगरा। पराली जलाने के आरोप में किसानों पर लगाये गए झूठे मुकदमों को लेकर भारतीय किसान संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को भारतीय किसान संघ ने पराली जलाने के मामले में किसानों पर दर्ज हुए झूठे मुकदमे के विरोध में प्रदेश भर में प्रदर्शन किया तो आगरा भी इससे अछूता नहीं रहा। भारतीय किसान संघ ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और सिटी मजिस्ट्रेट अरुण यादव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने किसानों पर पराली के नाम पर दर्ज हुए झूठे मुकदमों को वापस लेने की मांग की।
भारतीय किसान संघ के प्रान्त अध्यक्ष मोहन सिंह चाहर ने कहा कि पूरे प्रदेश में पराली (धान, गन्ने की डंठल) जलाने के नाम पर प्रशासन द्वारा किसानों पर मुक़दमा दर्ज कर एवं जुर्माना लगाकर किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। आगरा सहित प्रान्त के कई जिलों में बिना जांच के ही प्रशासन ने मुक़दमे दर्ज कर दिये जिनमें ऐसे किसान भी शामिल थे जो चल नही सकते हैं या फिर जिनकी मृत्यु हो गयी है। ऐसे में प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गए है।
किसान नेता मोहन सिंह चाहर ने कहा कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण नहीं होता बल्कि खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। सैकड़ो वर्षों से किसान ऐसा करता आ रहा है। मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में किसान संघ ने मांग की है कि किसानो का अनावश्यक उत्पीड़न नहीं किया जाय, किसान सूखे गन्ने की पताई, धान का डंठल(पराली) जलाने पर 2500 रुपये का जुर्माना वसूला जाता है, मुक़दमा दर्ज किया जा रहा है, उसे तत्काल बन्द किया जाय और किसानों पर लगे मुक़दमे वापिस लिये जाए।
उन्होंने मांग की है कि वायु में प्रदूषण को लेकर एक समिति का गठन किया जाय जिसमे किसान संगठनों के प्रतिनिधि, न्याय पालिका के प्रतिनिधि व किसान वैज्ञानिकों को शामिल हो।
इस दौरान किसान नेता मोहन सिंह चाहर के अलावा जिला संयोजक जलसिंह फ़ौजदार, उपाध्यक्ष कमल चौधरी, रामवीर चाहर, सुखराम लोधी, सतीश कुमार, बबलू चाहर, दीना सिंह, भोला सिंह, निमेष कुमार, नीरज कुमार, चरन सिंह, यूनिस, आदि प्रमुख उपस्थित रहे।