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पार्सल के माध्यम से कोई ज्वलनशील या विस्फोटक सामग्री भेजेंगे तो पकड़े जाएंगे, रेलवे करने जा रहा है ये व्यस्था

by pawan sharma

Agra. पार्सल भारतीय रेलवे के आय का एक प्रमुख स्रोत है लेकिन छोटी सी चूक किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकती है। पार्सल बंद होता है। ऐसे में कुछ लोग इसका फायदा उठाकर अनैतिक व ज्वलनशील पदार्थ भेज देते है जिसके चलते ट्रेनों में कई बार आगजनी की भी घटनाएं सामने आई हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए अब आगरा रेल डिवीजन में पार्सल स्कैनर की व्यवस्था की जा रही है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद हर पार्सल को स्कैन करके ही लोड किया जाएगा। आगरा रेल डिवीजन में फरवरी माह के दूसरे सप्ताह तक पार्सल स्कैनर की व्यवस्था कर दी जाएगी। ये स्कैनर सुरक्षा की दृष्टि से लगाए जा रहे हैं। स्कैनर आगरा कैंट, आगरा फोर्ट और मथुरा जंक्शन पर उपलब्ध कराया जाएगा।

आगरा रेल डिवीजन रेल मंत्रालय का प्रमुख डिवीजन में से एक है। जिसमें आगरा कैंट, आगरा फोर्ट, धौलपुर और मथुरा जंक्शन प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं। रेल डिवीजन यात्रियों की सुविधाओं का तो विशेष ध्यान रखता है, इसके साथ ही व्यापारियों के लिए भी कई योजनाएं चला रहा है। आगरा रेल डिवीजन के माध्यम यहां के व्यापारी अपने सामान को गंतव्य तक भेजने का काम करते हैं। आगरा रेल डिवीजन में व्यापारियों का विश्वास लगातार बढ़ता दिखाई दे रहा है, यही कारण है कि यहां पर पार्सल की संख्या तो बढ़ ही रही है इसके साथ ही रेलवे की आय में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। आगरा रेल डिवीजन पार्सल के माध्यम से वर्ष में लगभग 8 से 10 करोड़ रुपये की आय अर्जित करता है।

आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि स्कैनर की व्यवस्था बेशक रेलवे द्वारा सुरक्षा की दृष्टिगत की जा रही है लेकिन व्यापारियों को इस सुविधा का भुगतान करना होगा। उन्होंने बताया कि स्कैनर की व्यवस्था रेलवे द्वारा टेंडर के माध्यम से की जा रही है और इसके लिए टेंडर आवंटित भी कर दिया गया है। फरवरी माह के दूसरे सप्ताह तक पार्सल स्कैनर की व्यवस्था हो जाएगी। ये स्कैनर सुरक्षा की दृष्टि से लगाए जा रहे हैं। स्कैनर आगरा कैंट, आगरा फोर्ट और मथुरा जंक्शन पर उपलब्ध कराया जाएगा। आगरा रेल डिवीजन की जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि पार्सल में यात्री बाइक और स्कूटर भी भेजे जाते हैं।

जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि आगरा और मथुरा से बुक किए जाने वाले पार्सल में 70 से 80% जूते बुक किए जाते हैं। यह जूते हावड़ा, मुंबई और पंजाब के लिए भेजे जाते हैं। इसके साथ ही आगरा से 15% स्टील रॉड भेजी जाती हैं। वहीं मथुरा से भगवान के वस्त्र और पूजा सामग्री भी भेजी जाती है। पूजा सामग्री अधिकतर दक्षिण भारत की तरफ ही भेजी जाती है। 

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