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पुरानी या खंडित मूर्तियों का नहीं कर पा रहे हैं विसर्जन तो इस काम में ब्राह्मण परिषद करेगी आपकी मदद, जाने कैसे

by admin
If you are not able to immerse the old or broken idols, then the Brahmin Council will help you in this work, know how

Agra. दीपावली पर्व के दौरान अगर आप घर में रखी पुरानी भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियों का विसर्जन नहीं कर पा रहे तो इसमें आपकी मदद ब्राह्मण परिषद आगरा करेगी। ब्राह्मण परिषद की ओर से ऐसी सभी पुरानी मूर्तियों को एकत्रित करने के लिए शहर भर में कुछ स्थान चयनित किये हैं, जहाँ आप अपनी पुरानी मूर्ति को रख सकते है और उन मूर्तियों का विधि विधान से विसर्जन करेंगे। बुधवार को इस अभियान की शुरुआत होटल पन्ना पैराडाइज फतेहाबाद रोड ताजगंज आगरा पर की गई। आरएसएस के वरिष्ठ नेता भवेंद्र शर्मा ने भगवान पशुराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करके की। इस दौरान परिषद के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।

यह है अभियान

ब्राह्मण परिषद की ओर से यह अभियान काफी सालों से चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य देवी देवताओं की मूर्ति का अनादर न होने देना है। दीपावली पर्व के अवसर पर हर घर में दीपावली पूजन के लिए भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की नई मूर्ति लाई जाती है। इसलिए लोग अपने घरों से पुरानी प्रतिमाओं को बाहर रख देते है। जिससे यह प्रतिमा किसी न किसी कारण से खंडित हो जाती है। इससे प्रभु गणेश और माता लक्ष्मी का अनादर होता है।

न करें मूर्तियों का अनादर

आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी भवेंद्र शर्मा का कहना है कि ब्राह्मण परिषद का यह अभियान व संकल्प काफी अच्छा है। इससे देवी देवताओं की मूर्ति का अनादर नहीं होता है। दीपावली पर्व के अवसर पर अक्सर हम पुरानी मूर्तियों का विसर्जन नहीं करते बल्कि उन्हें घर के बाहर रख दिया जाता है जो ठीक नहीं है।

चार दिनों तक चलेगा अभियान

संस्था के पदाधिकारी सतेंद्र दुबे ने बताया की दीपावली के अवसर पर यह अभियान चार दिनों तक चलाया जायेगा। इस अभियान की शुरुआत छोटी दीपावली से हो गयी है। इस अभियान को सार्थक बनाने के लिए शहर के 100 स्थानों को चिन्हित किया गया है। इन स्थानों पर लोग अपनी पुरानी प्रतिमाएं रख सकते है जिनका विसर्जन परिषद के पदाधिकारी करेंगे।

हाथी घाट पर होगा विधि विधान से विसर्जन

संस्था के पदाधिकारी सतेंद्र दुबे ने बताया कि चार दिन बाद 100 स्थानों से जितनी भी प्रभु गणेश और माता लक्ष्मी की प्रतिमाएं एकत्रित होगी। उन्हें विधि विधान के साथ यमुना किनारे हाथी घाट पर विसर्जित किया जाएगा।

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