Home » अगर आप MBBS और BDS की इंटर्नशिप कर‌ रहे हैं तो यह खास रिपोर्ट आपके लिए

अगर आप MBBS और BDS की इंटर्नशिप कर‌ रहे हैं तो यह खास रिपोर्ट आपके लिए

by admin
If you are doing internship of MBBS and BDS then this special report for you

उत्तर प्रदेश में यदि आप एमबीबीएस और बीडीएस की पढ़ाई पूरी  कर इंटर्नशिप कर रहे हैं तो यह खबर  आपके लिए बेहद खुशी देने वाली है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Government) ने एमबीबीएस और बीडीएस के इंटर्न छात्रों को नए साल का बड़ा तोहफा देते हुए स्टूडेंट्स का इंटर्नशिप भत्ता पहले से बढ़ा दिया है। आप यह जानकर हैरान होंगे लेकिन अब नए फैसले के मुताबिक, इंटर्न छात्रों को भत्ते के रूप में 12 हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे।

जी हां यह मंजूरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है ।जिसके चलते अब इंटर्नशिप भत्ता बढ़ाए जाने को मंजूरी मिल चुकी है। अब इंटर्न छात्रों को 12 हजार रुपये मासिक भत्ता दिया जाएगा। आपको बता दें कि बीते काफी सालों से स्टूडेंट्स मासिक भत्ता बढ़ाने की मांग भी कर रहे थे। लेकिन अब फाइनली स्टूडेंट्स की मांग स्वीकार कर ली गई है। जिसके चलते अब स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप भत्ते की राशि बढ़ाकर दी जाएगी।बता दें भत्ते में पिछले भत्ते के हिसाब से करीब साढ़े चार हजार की बढ़ोत्तरी कर दी गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करते हुए एमबीबीएस और बीडीएस इंटर्न छात्रों को मासिक भत्ते के रूप में साढ़े सात हजार की जगह 12 हजार रुपये देने का निर्णय लिया है। छात्रों के भत्ते में यह बढ़ोत्तरी करीब दस साल। के बाद हुई है । सीएम योगी ने भत्ता राशि में बढ़ोत्तरी के फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश भी दे दिया है।

एक और खास बात ही कि फैसले के पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए डॉक्टरों के लिए दस साल तक सरकारी नौकरी करना अनिवार्य कर दिया था। यही नहीं अगर इससे पहले डॉक्टरों ने अगर नौकरी छोड़ी तो उन्हें एक करोड़ रुपये का भारी जुर्माना देना होगा। सरकार के इस फैसले के बाद अब राज्य में पीजी करने वाले डॉक्टरों को कम से कम तक दस साल तक सरकारी नौकरी करनी ही होगी।वहीं अधिकारियों का मानना है कि सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए सरकार ने नीट में छूट देने की व्यवस्था की है।इसके साथ ही यह भी बताया गया कि अगर डॉक्टर पीजी कोर्स को बीच में ही छोड़ देता है तो ऐसे डॉक्टरों को तीन साल के लिए निरस्त कर दिया जाएगा। इन दौरान वह दोबारा दाखिला नहीं ले पाएंगे।

Related Articles