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आगरा : जर्जर टंकी के नीचे रह रहे 80 नेत्रहीन बच्चों के सिर पर मंडरा रही है मौत, राज्यमंत्री भी कुछ न कर पाए

by admin
Agra: Death is hovering over the heads of 80 blind children living under a dilapidated tank, even the Minister of State could not do anything

Agra. गाजियाबाद की मुरादनगर में श्मशान घाट की घटना ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। भ्रष्टाचार और अधिकारियों की लापरवाही 25 जिंदगियों को लील लीं। सीएम योगी खुद इस को लेकर बेहद सख्त है फिर भी जिम्मेदार अधिकारी अपने लापरवाह रवैया में कोई बदलाव नहीं ला रहे हैं। आगरा में भी लापरवाह अधिकारियों की वजह से 80 नेत्रहीनों के सिर पर मौत का साया मंडराता रहता है।

सूरकुटी स्थिति महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय एवं शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान है जिसमे नेत्रहीन बच्चें शिक्षा ग्रहण कर अपने भविष्य को उज्वल बनाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन शिक्षा लेने के दौरान इन सभी छात्रों और इस विद्यालय के शिक्षकों को मौत का भय लगा रहता है। इन सभी के भय का कारण विद्यालय परिसर में लगी जर्जर टंकी है जो कभी भी धरासाई हो सकती है। इस जर्जर टंकी के बारे में जब जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की तो नेत्रहीन विद्यार्थी और शिक्षकों ने क्षेत्रीय विधायक व राज्यमंत्री से जर्जर टंकी को बदलवाने की गुहार लगाई है लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा।

Agra: Death is hovering over the heads of 80 blind children living under a dilapidated tank, even the Minister of State could not do anything

आगरा-दिल्ली हाईवे रुनकता के पास स्थित कीठम झील परिसर में सूरकुटी है जहां पर महाकवि सूरदास ने तपस्या की थी। उन्होंने यहां पर ही भगवान श्री कृष्ण पर पदों की रचना की थी। इसी सूर कुटी में महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय एवं शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान है जहां पर नेत्रहीन शिक्षक ही नेत्रहीन छात्रों को अध्यापन कराते हैं। यह विद्यालय सन् 1976 से संचालित है। वर्तमान में इस विद्यालय में 70 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यहां पर 8 शिक्षक अध्यापन कराते हैं।

टंकी गिर गई तो बचना मुश्किल

छात्र का कहना है कि जब कोई काम पड़ता है तब टंकी के आसपास आते हैं। कभी-कभी रात में पानी खत्म हो जाता है तो बाल्व खोलने के लिए आते हैं। टंकी के पास में ही बाथरूम है, यहां सभी को नहाने आना पड़ता है। ऐसे में यदि टंकी गिर गई तो बचना बहुत मुश्किल होगा। इसलिए टंकी के पास आने में बहुत डर लगता है।

पानी भरते ही आती है चट चट की आवाज

शिक्षक आरके वर्मा का कहना है कि टंकी जिस फाउंडेशन पर रखी है वह लोहे का है, जंग लग गई है। लोहे के एंगल गल गई हैं। इस टंकी पर ऊपर जाने की सीढ़ियां भी टूट गई है। जगह-जगह सपोर्ट में लगे एंगिल भी टूट कर गिर गए रहे हैं। ऐसे में जब टंकी में पानी भरते हैं तो चट चट की आवाज आती है, कभी भी गिर सकती है। इस टंकी के इर्द-गिर्द हमारे नेत्रहीन बच्चे घूमते रहते हैं जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए जिला प्रशासन से मांग है कि जल्द ही इस टंकी को बदला जाए।

राज्यमंत्री से लगाई गुहार, मदद की दरकार

महाकवि सूरदास दिव्यांग विद्यालय एवं शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य महेश कुमार का कहना है कि विद्यालय परिसर में रखी 5000 लीटर की टंकी की जर्जर हालत को लेकर क्षेत्रीय विधायक व राज्यमंत्री चौधरी उदय भान सिंह से भी गुहार लगा चुके हैं। हाल में दीपावली पर भी जल्द टंकी को हटवाने को लेकर मंत्री चौधरी चौधरी उदय भान सिंह से शिकायत की थी। इससे पहले जिला प्रशासन के साथ किरावली एसडीएम कार्यालय में भी टंकी की जर्जर हालत को लेकर शिकायत कर चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। ऐसे में कभी भी जर्जर टंकी की वजह से बड़ा हादसा हो सकता है। कभी भी तेज आंधी, तूफान या तेज बारिश होने पर यह टंकी गिर सकती है. इसकी कोई भी मियाद नहीं है।

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