Agra. सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक युवक मोबाइल टावर पर चढ़ गया और नीचे उतरने से साफ इंकार करने लगा। लोगों ने इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस और प्रशासन को दी तो पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंच गई। वहीं ग्राम प्रधान और ग्रामीण भी एकत्रित हो गए। लोगों ने युवक से मोबाइल टावर से नीचे उतारने के लिए कई बार कहा लेकिन वह एक ही बार कहता रहा कि जब तक बेटे का जाति प्रमाण पत्र नहीं बनता वह नीचे नहीं उतरेगा।
यह डिमांड सुनकर सभी लोग हैरान थे। मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने पीड़ित के बेटे का जाति प्रमाण पत्र बनवाया और उसे उसके बेटे को सौंप दिया। तब जाकर युवक मोबाइल टावर से नीचे उतरा। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
लेखपाल नहीं बना रहा था प्रमाण पत्र
वायरल हो रहा वीडियो सैंया के एक गांव का बताया जा रहा है। बताया जाता है कि सैंया के गांव नदीम निवासी श्रीनिवास मजदूरी करता है। उसके चार बच्चे है। बड़ा बेटा लवेश 12 वीं पास कर सेना भर्ती की तैयारी कर रहा है। लवेश ने 15 जुलाई को ओबीसी का जाति प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आवेदन किया। आरोप है कि तत्कालीन लेखपाल ने बिना रिश्वत के आवेदन आगे बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया। दो बार आवेदन रिजेक्ट कर दिया। लवेश ने 30 अगस्त को दोबारा आवेदन किया लेकिन तब भी लवेश का प्रमाणपत्र नहीं बन सका। आरोप है कि लेखपाल ने जाति प्रमाणपत्र बनाने के लिए 20 हजार मांगे थे।
रात भर बैठा रहा टावर पर
लेखपाल द्वारा बेटे का जाति प्रमाण पत्र न बनने देने से पीड़ित पिता काफी हताश हो गया। मजदूरी के चलते आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और वह कार्य करवाने हेतु पैसे भी नहीं दे पा रहा था। इससे परेशान होकर सोमवार रात 12:30 बजे श्रीनिवास घर के पास बने 180 फीट उंचे मोबाइल टॉवर पर चढ़ गया। रात एक बजे श्रीनिवास ने सैंया पुलिस को खुद ही सूचना दी। सूचना पर एसएचओ योगेंद्र पाल सिंह मौके पर पहुंच गए। गांव वालों की भीड़ जुट गई। पुलिस ने श्रीनिवास को समझाया लेकिन श्रीनिवास बिना जाति प्रमाणपत्र के नीचे उतरने को तैयार नहीं हुआ।
इस पर एसएचओ ने खेरागढ़ के तहसीलदार प्रदीप कुमार को मामले की जानकारी दी। सोमवार की सुबह छह बजे तहसीलदार मौके पर पहुंचे।तहसीलदार द्वारा श्रीनिवास को समझाया गया लेकिन उसने बिना जाति प्रमाणपत्र के उतरने से साफ इनकार कर दिया।
सिर्फ 2 घंटे में बन गया प्रमाण पत्र
इस पर तहसीलदार प्रदीप कुमार ने उसके बेटे का जाति प्रमाण पत्र बनवाया और फिर उसे मौके पर ही युवक के बेटे लवेश को दिया प्रमाणपत्र दिया। तब सुबह 7:30 बजे श्रीनिवास टावर से नीचे उतरा। जो जाति प्रमाणपत्र दो माह में नहीं बन सका वह श्रीनिवास के मोबाइल टॉवर पर चढ़ने से मात्र दो घंटे में बन गया।
पीड़ित के बेटे लवेश ने बताया कि उसने 15 जुलाई को जनसेवा केन्द्र के माध्यम से जाति प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था। लेखपाल ने रुपये मांगे। न देने पर दो बार रिजेक्ट कर दिया। उक्त लेखपाल के स्थानान्तरण के बाद उसने 30 अगस्त को दोबारा आवेदन किया। अब उससे 20 हजार रुपये मांगे। लवेश ने पिता को बताया। मजदूर पिता के पास रुपये नहीं थे तब पिता ने ये कदम उठाया।