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परमात्मा ने दिया है धन तो करना चाहिये दान – संजय कृष्ण ‘सलिल’

by pawan sharma

आगरा। होटल सेलिब्रेशन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में पूज्य डॉक्टर संजय कृष्ण ‘सलिल’ जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन की कथा में कहा कि भगवान स्वयं ब्रज में अवतार लेते हैं, पूरा कथा स्थल ‘नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की’ से गूंज उठा। नंद बाबा के यहां छह माह तक जन्मोत्सव मनाया गया। नंद बाबा ने खूब दान दिया। बृजवासी खूब दान लेकर जा रहे थे।

धन की तीन गति होती है – दान, भोग, नाश। उत्तम गति दान होती है परमात्मा ने धन दिया है तो दान करना चाहिये। अगर हम धन को पुण्य के कार्याे मे नही लगायेंगे तो लक्ष्मी ज्यादा दिन नहीं रहती है।

बाल कृष्ण को मारने पहुंची पूतना
कंस को भय था कि देवकी की आठवी संतान उसका वध कर देगी, इसी सेे बचने के लिए उसने भगवान कृष्ण को मारने के लिए पूतना को गोकुल में भेजा, पूतना ने सुंदरी का रूप बनाकर गोकुल में प्रवेश किया। कृष्ण को ढूंढते हुए वह नंद भवन में पहुँच गई, माँ यशोदा से बाल कृष्ण को मनुहार करने की आज्ञा लेकर उसने श्रीकृष्ण को गोद में उठाकर स्तनपान कराना शुरू किया, उसने स्तन पर पहले से ही विष लगाया था, प्रभु इस छल को भली भाँति जानते थे फिर भी उन्होंने स्तनपान जारी रखा। अविद्या रुपी पूतना अपने स्तनो मे विष लगाकर भगवान को मारने के उद्देश्य से आती है प्रभु कितने दयालु है कि उसे माता की गति प्रदान कर देते हैं।

भगवान कृष्ण माखन चोरी करते हैं प्रभु की प्रत्येक लीला में जनकल्याण की भावना समाहित होती है। आगे कथा मे महाराज जी ने गोवर्धन की लीला का बड़ा ही मार्मिक वर्णन किया। सभी को झांकी का दर्शन कराया एवं ‘श्री गोवर्धन महाराज’ भजन सुन कर भक्त झूम उठे।

कथा में सुरेश चंद अग्रवाल, अनिल मित्तल, अरुण मित्तल, नीतू बंसल, ऋषिक मांगलिक उपस्थित रहे।

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