आगरा। चंबल की बाढ ने वैसे तो पूरे क्षेत्र मे तबाही का मंज़र बना दिया है। हर तरफ खेत खलियान घर फसले सब पानी मे डूबे हुऐ है लेकिन जो पिनाहट क्षेत्र के हालत उमरैठा पुरा में है उसे देखकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
गांव पूरी तरह चंबल के पानी में डूब चुका है। लगभग सात सौ लोगों की आबादी का गांव उमरैठा पुरा चंबल नदी के किनारे बसा हुआ है। चंबल की बाढ ने पूरा गांव अपनी चपेट मे ले लिया है। आलम ये है कि सभी घर पूरी तरह पानी मे डूबे हुऐ है। इस कारण यहां के निवासी गांव से निकल कर चंबल के बीहड़ मे तंबू लगाकर टीलों मे रहने को मजबूर है। सैकड़ों लोगों ने तंबुओं में आश्रय लिया हुआ है।
ग्रामीणों के अनुसार उन्हें प्रशासन की तरफ से कोई मदद नही मिल रही है। यहां छोटे छोटे बच्चे भूख से बिलख रहे हैं। इनको खाना पहुंचाने वाला कोई नही है। लोगों की माने तो अधिकारी आ तो रहे हैं लेकिन देखकर निकल जा रहे हैं। बाढ से उनका अनाज तक बर्बाद हो चुका है। अब भूखे पेट जीवन बिताने को मजबूर हैं।
हालांकि ग्राम प्रधान द्वारा गांव के कुछ लोगों को भोजन वितरण किया गया, वहीं प्रशासन द्वारा कुछ सामग्री पहुंचाई गई, मगर ग्रामीण उससे खुश नहीं दिखे, ग्रामीणों को तंबू के साथ प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण ग्रामीण आक्रोशित हैं। बाढ़ की मार झेल रहा यह गांव कुदरत की मार भी झेल रहा है। खुले आसमान में रहने को मजबूर सैकड़ों ग्रामीणों को मंगलवार को एक और मार झेलनी पड़ी। दोपहर से शाम तक लगातार बारिश हुई। बारिश में पशुओं का चारा और अनाज पूरी तरह भीग गया, साथ ही ग्रामीणों के तंबू तेज हवा के साथ उड़ गए। परिवार तेज बारिश में भीगते हुए दिखाई दिए, मगर इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था।
प्रशासन बाढ़ ग्रस्त गांव में हर संभव सहायता का दावे कर रहा है। अब देखना यह है कि आखिर कब तक ग्रामीणों को खुले आसमान में रहने को मजबूर रहना पड़ेगा। प्रशासन इनके लिए क्या मदद करता है।