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ठंड से बचने का इंतजाम न होने से आगरा गौशाला में सैकड़ों गौवंश की हुई मौत

by admin

आगरा। गौवंश को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ साथ गौ रक्षकों भी गाय की संवेदनशीलता के बारे में पता है लेकिन गलन भरी सर्दी के कारण गौशालाओं में गोवंशों की मौत हो रही है जिससे हाहाकार मचा हुआ है। गोवंशों की मौत से अधिकारियों की लापरवाही भी खुल के सामने आई है। अधिकारियों की उदासीनता के कारण शहर गौवंशों की कब्रगाह बन गया है।

आगरा की गौशाला नंदीशाला में दर्जनों गौवंश की रोजाना मौत हो रही है। आगरा के बाईंपुर नन्दीशाला में बीते कुछ दिनों में 30 से ज्यादा गौवंशों की मौत हो गई। इस तरह बीते एक माह में 100 से ज्यादा गौवंशों की मौत हुई है। बाईंपुर गौशाला में बेसहारा गौवंश के लिए ठंड से बचने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। चारे की कमी और भयंकर ठंड के कारण गौवंश दम तोड़ रहे हैं। संवेदनहीनता ये है कि अधिकारी खुद का रूम हीटर और अलाव के जरिये में सर्दी से बचाव कर रहे हैं लेकिन बेज़ुबानों के लिए टाट का भी इंतजाम नहीं है।

आगरा के बाईंपुर में एक नंदीशाला और दो गौशाला हैं। दोनो की हालात बहुत बुरे है। बेसहारा जानवरों के लिए ना खाने का इंतजाम है और ना ही ठंड से बचाव के लिए कोई इंतजाम किए है जबकि इस गलन भरी ठंड से हर कोई हलकान है। हाल ये है कि दर्जनों गौवंश की मौत हो गोशालाओं और नंदीशाला में हो गई और उससे ज्यादा कई गौवंश आख़िरी सांस ले रहे थे।

गौशाला में मौजूद लोगों ने बताया कि गौशाला में कोई अधिकारी नहीं आता। गौवंशों की मौत का आंकड़ा कम करके दिखाया जाता है। चारे को कर्मचारी गांव की दुकानों पर बेच रहे हैं। अंदर ही गड्ढा खोदकर जानवरों को दफनाया जा रहा है। कुल मिलाकर गौसेवक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में गौवंश सर्दी में दम तोड़ रहे है।

गोवंशों की मौत सुर्खिया बनी तो प्रशासनिक अमले में
हड़कंप मच गया है। मौके पर जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार और नगर आयुक्त अरुण प्रकाश पहुँच गए। सुबह जहां पूरे परिसर में मृत गौवंशों का अंबार था, कुछ घंटों के भीतर ही वहां मृत गौवंश को दफनाने भेज दिया गया। जेसीबी की मशीन से गोबर इकट्ठा किया जा रहा था। जानवरों के लिए चारे की व्यवस्था कर दी गई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर ठंड से ठिठुर रहे गौवंश के पास अलाव की व्यवस्था कर दी गयी।

जिला अधिकारी एनजी रवि कुमार ने गोशालाओं और नंदीशाला में 24 घंटे अलाव जलाने और गोवंशों के ऊपर टाट डालने के निर्देश दिए जिससे गोवंशों को ठंड से बचाया जा सके।

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