आगरा। क्या से क्या हो गया मेरे शहर को, शायद किसी की नजर लग गई है। जहां देखो वहां मौत ही मौत नजर आ रही है। मौत का ऐसा मंजर अपने जीवन में कभी नहीं देखा। जहां देखो वहां शवों का ढेर लगा पड़ा है। श्मशान में चिता जलाने के लिए जगह कम पड़ गई। मरीजों की जान ऑक्सीजन के अभाव में जा रही है तो कुछ इलाज के अभाव में अस्पताल पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ रहे हैं। रोते बिलखते लोगों की चीखपुकार की अब पराकाष्ठा हो चुकी है। प्रशासनिक आंकड़े लगातार झूठ बोल रहे हैं।
![Horror scene, corpses in Agra SN hospital](https://moonbreaking.com/wp-content/uploads/2021/04/IMG_20210427_125010-1024x577.jpg)
मंगलवार को हमारी टीम एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंची थी तो मंजर वास्तव में भयावह था। कोई ऑटो से मरीज को ला रहा था, कोई व्यक्ति रिक्शे में बैठकर इलाज के लिए दौड़ लगा रहा था। एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचते ही लोगों से इलाज के लिए साफ मना कर दी जाती है। लोग इलाज के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। ऐसा लगता है कि यहां इंसानियत और मानवता खत्म हो चुकी है। कभी ऑक्सीजन, कभी वेंटिलेटर तो कभी बेड की कमी का हवाला देकर एसएन से लगातार मरीजों को वापस लौटाया जा रहा है।
![Horror scene, corpses in Agra SN hospital](https://moonbreaking.com/wp-content/uploads/2021/04/IMG_20210427_125038-1024x576.jpg)
यह किसी फिल्म का सीन नहीं बल्कि हकीकत है आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में जहां देखो वहां लाशों का ढेर लगा है। हालत यह है कि एसएन में मरीजों की भर्ती नहीं हो रही है जिसके चलते कुछ लोग उम्मीद में कहीं और जा रहे हैं तो वहीँ कई मरीज एसएन के दर पर ही अपना दम तोड़ रहे हैं, उनके परिजन लाशों पर रोते हुए जिला प्रशासन आगरा को कोस रहे हैं।
![Horror scene, corpses in Agra SN hospital](https://moonbreaking.com/wp-content/uploads/2021/04/IMG_20210427_125107-1024x576.jpg)
आपने भी अपने जीवन में शायद मौत का ऐसा मंजर कभी नहीं देखा होगा। जब पूरा शहर बीमारी की चपेट में हो। लोग ऑक्सीजन के लिए गिड़गिड़ा रहे हो। जिला प्रशासन की तरफ से बस कोरा आश्वासन मिल रहा है और ऐसा लगता है कि जैसे लोगों को मरने के लिए खुले में छोड़ दिया। अब तो इस शहर को केवल भगवान ही बचा सकता है।