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हिंदी पत्रकारिता दिवस : फिर से जीवंत होगा आगरा का ताज प्रेस क्लब

by admin
Hindi Journalism Day: Taj Press Club of Agra will revive

आगरा। वर्तमान में पत्रकारिता तमाम विषम चुनौतियों का सामना कर रही है। पत्रकारों के सम्मुख आज कोरोना के कहर के बीच अपनी जान को जोखिम में डालकर काम करने की सबसे बड़ी चुनौती है। इसके साथ ही छंटनी के चलते अपनी नौकरी चले जाने के दंश को भी झेलना पड़ा है। कोरोना ने हमारे आगरा के कई पत्रकारों को हमसे ज़ुदा कर दिया है। उन सबके परिवारों के भरण-पोषण की समस्या का समाधान सरकार को करनी चाहिए। पत्रकारिता में तकनीक के बढ़ते हुए दखल के बीच अब पत्रकारों के शिक्षण-प्रशिक्षण को वक्त के साथ अत्याधुनिक बनाने की जरूरत आन पड़ी है। ताज प्रेस क्लब अब अपने परिसर में इन कार्यशालाओं का नियमित रूप से आयोजन करेगा।

ये सार है हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर 30 मई (रविवार) को “हिन्दी पत्रकारिता में चुनौती” विषय पर आयोजित एक वर्चुअल सेमिनार का। सेमिनार के मुख्य अतिथि सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल थे। अपने संबोधन में उन्होंने पत्रकारों की अपर्याप्त पेंशन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा पत्रकार जीवनभर जो समाज और देश की सेवा करता है, उसकी पेंशन दस या बीस हज़ार रुपये तो होनी ही चाहिए। आगरा के पत्रकारों और पत्रकारिता की तारीफ़ करते हुए कहा मैं इस धारणा को निर्मूल मानता हूँ कि अखबारों को विज्ञापन देने पर ही राजनीतिज्ञ मीडिया में कवरेज पाते हैं, मैंने कभी विज्ञापन नहीं दिया इसके बावजूद मेरे द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को मीडिया ने जन-जन तक पहुँचाया।

सेमिनार में विचार व्यक्त करते हुये वक्ताओं ने हिन्दी पत्रकारिता के उदय से वर्तमान समय तक की यात्रा पर राष्ट्र और समाज के प्रति उसके योगदान पर चर्चा के साथ साथ-साथ पत्रकारिता और पत्रकारों के अस्तित्व के समक्ष उपस्थित चुनौतियों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। वर्तमान समय में अखबारों की व्यावसायिक प्रवृत्ति, आर्थिक दबाव और उससे कर्मचारियों पर पड़ने वाले प्रभाव और दबावों से पत्रकारों की कठिन सेवाशर्तों पर भी चिन्ता व्यक्त की गई।

अध्यक्षता ताज प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल शर्मा एडवोकेट ने की। विषय प्रवर्तन क्लब के कोषाध्यक्ष डॉ. महेश धाकड़ ने किया। संचालन संजय तिवारी ने किया। वेबिनार के समन्वयक आदर्श नंदन गुप्त थे। वेब होस्टिंग अभिनव गुप्ता ने की। स्वतंत्रता सेनानियों को भी पत्रकारों ने याद किया। राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में बाल गंगाधर तिलक के योगदान का स्मरण करते हुये आगरा के स्वर्गीय कृष्ण दत्त पालीवाल और रोशन लाल करुणेश के योगदान का भी स्मरण किया। प्रख्यात राष्ट्रीय कवि डा. राज कुमार रंजन ने काव्य पाठ किया।

कोरोना के कारण दिवंगत पत्रकारों की मृत्यु पर सरकार द्वारा घोषित की गई सहायता राशि पर सरकार का धन्यवाद ज्ञापित करते हुये इसके सरलीकरण और विस्तार हेतु सरकार को पत्र लिखने के निर्णय के साथ वेबिनार का समापन हुआ।

इस अवसर पर दिवंगत पत्रकारों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने विचार व्यक्त करने वाले पत्रकारों में लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार गोलेश स्वामी, विनोद भारद्वाज, डॉ. गिरिजा शंकर शर्मा, अनिल गुप्ता, हेमेन्द्र चतुर्वेदी, डॉ. मधुमोदा रायजादा, डॉ. भानु प्रताप सिंह, डॉ. अनिल दीक्षित, केएस परमार, प्रमोद कुमार अग्रवाल, पराग सिंघल, हेमंत पांडेय, वीरेन्द्र गोस्वामी, संजीव शर्मा, अजय शर्मा, बृजेश शर्मा, विवेक सक्सेना, जैनेन्द्र शर्मा, मीतेन रघुवंशी, प्रभजोत कौर, अनिल राना, सतेंद्र पाठक, राजीव गुप्ता, संजय गुप्त, सूरज तिवारी, प्रियदर्शिनी शर्मा, ॠषि गुप्ता आदि शामिल रहे। धन्यवाद ज्ञापन सचिव केपी सिंह ने किया।

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