आगरा। सोमवार सुबह थोड़ी सी बारिश में ही सांसद का घर के आगे जलभराव। स्कूल जाने वाले काफी बच्चे लौटे। रास्ते में वैन हो गईं खराब।
सोमवार सुबह मौसम ने फिर करवट बदली। मूसलाधार बारिश हुई। लगभग आधे घंटे तक हुई बारिश से गर्मी तो शांत हुई लेकिन स्कूली बच्चों की समस्याएं जरूर बढ़ गईं। सुबह-सुबह बारिश होने के कारण अजीत नगर गेट वीआईपी रोड पर पानी से भर गया। डिवाइडर तक जलभराव हो गया। इसके कारण एयरपोर्ट और केंद्रीय विद्यालय एक के छात्र छात्राओं को इस जलभराव वैसे ही होकर निकलना पड़ा।
एक्टिवा और वैन हुई बंद, साईकल से भी गिरे बच्चे
बारिश बंद होने के तुरंत बाद ही स्कूली बच्चों ने स्कूल की ओर रुख किया तो खेरिया मोड़ चौराहे पर पहुंचकर उन्हें भी जलभराव से दो-चार होना पड़ा। अजीत नगर गेट पूरा डिवाइडर तक लबालब था और कई फुट पानी सड़कों पर जमा था। ऐसे में छात्र छात्राओं को अपने स्कूल तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कुछ छात्र स्कूल वैन से स्कूल जा रहे थे लेकिन बीच रास्ते में ही वैन पानी के चलते बंद हो गई। साइकिल से जाने वाले छोटे-छोटे छात्र सड़क पर जलभराव में गिर पड़े।
कई अभिभावक तो वापस लौटे
जलभराव के चलते जो अभिभावक पैदल ही अपने बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए निकले थे, वे अजीत नगर गेट पर भीषण जलभराव को देखकर ही लौट गए। उनकी आंखों के सामने कई गाड़ियां बंद हुई। साइकिल से जा रहे बच्चे भी गिर गए। बच्चों की ड्रेस भी भीग जाती। ऐसे में कई अभिभावकों अपने बच्चों को आज स्कूल न भेजने का फैसला किया और जलभराव को देखकर वापस घर चल दिए।
सांसद राजकुमार चाहर का है निवास
अजीत नगर गेट वीआईपी है। यहां से देश प्रदेश और विदेश तक की वीवीआईपी की गाड़ी गेट से निकलती है। यहीं पर सांसद राजकुमार चाहर का भी निवास है लेकिन इसके बावजूद थोड़ी सी बारिश में अजीत नगर गेट पर होने वाले जलभराव से आज तक निजात नहीं मिल सकी है। प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि मिलकर कोई ऐसा प्लान आज तक तैयार नहीं कर सके जिससे इस अजीत नगर गेट पर जलभराव ना हो। खुद सांसद राजकुमार चाहर का निवास भी जलमग्न हो जाता है।
अधिकारियों को कोसते नजर आए लोग
इस भीषण जल विभाग को देखकर जो अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए जा रहे थे, वह अधिकारियों को कोसते हुए नजर आए। उनका कहना था कि बारिश में इसी तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों का होता है लेकिन प्रशासनिक अमला और निगम इस जलभराव से निपटने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाता है।