आगरा। फैशन ब्लॉगर रितिका हत्याकांड में पीड़ित परिवार के घर पहुंचे तीन युवक, कहा, मुख्यमंत्री कार्यालय से आए हैं, केस वापस लेने का बनाया दबाव। बाद में दी धमकी।
फैशन और फूड ब्लॉगर रितिका हत्याकांड में एक और एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह रितिका के परिजनों ने दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि आरोपी पक्ष उन पर समझौते करने का दबाव बना रहा है। पीड़ित परिवार ने इस संबंध में थाना एमएम गेट में मुकदमा दर्ज कराया है।
पीड़ित परिजनों का आरोप है कि उसके घर में आकर लोग उन्हें केस वापस लेने और समझौता करने का दवाब बना रहे हैं। ऐसा नहीं करने पर रितिका जैसा हाल करने की धमकियां दे रहे हैं। पीड़ित परिवार का कहना है कि रितिका के मर्डर में मुख्य साजिशकर्ताओं को पुलिस नहीं पकड़ रही है। जबकि रितिका ने मरने से पहले मौत का खतरा विपुल (रितिका के साथ लिवइन में रहने वाले) के परिजनों से जताया था, जिसमें पुलिस ने एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी है।
मुख्यमंत्री के यहां से आए हैं, केस वापस लेने का बनाया दबाव
रितिका के भाई उत्कर्ष सिंह ने बताया कि 12 जुलाई दोपहर दो बजे उनके घर मोती कटरा पर तीन लोग आए थे। उन्होंने कहा कि वे उन्हें न्याय दिलाने के लिए लखनऊ से सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय से आए हैं। काफी देर तक उन्हें केस वापस लेने के लिए मनाने का प्रयास करते रहे, लेकिन जब बात नहीं बनी तो वे लौट गए। हालांकि जाने से पहले रितिका के पिता सुरेंद्र सिंह, मां मंजू सिंह को धमकाते हुए केस वापस लेने को कहा।
24 जून को हुई थी रितिका की हत्या
यह पूरी घटना 24 जून की है। थाना ताजगंज के ओम श्री प्लेटिनियम अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से फेंककर रितिका की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में पुलिस ने पांच लोग आकाश गौतम, रितिका का पति चेतन, अनवर और दो अन्य महिलाओं का गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
वहीं रितिका की मां मंजू सिंह का कहना है कि रितिका ने अपनी मौत की आशंका जताते हुए फिरोजाबाद के एसएसपी को एक पत्र भी लिखा था, जो कि उसकी हत्या के बाद पुलिस को मिला। इसमें उसने विपुल (जिसके साथ रितिका लिव इन में रहती थी) के परिवारीजनों अनिल धर, सत्यम धर, दीपाली अग्रवाल आदि पर हत्या करवाने का खतरा बताया था।