Agra. जिला मुख्यालय में अधिवक्ता बृजेश भदौरिया के साथ पुलिस कर्मियों द्वारा की गई अभद्रता का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना को लेकर अधिवक्ताओं की एसोसिएशन ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अधिवक्ता बृजेश भदौरिया के साथ हुए अभद्रता को लेकर गुरुवार को आगरा एडवोकेट बार एसोसिएशन, ग्रेटर बार एसोसिएशन, आगरा कलेक्ट्रेट व कमिश्नरी बार एसोसिएशन और जनमंच बार एसोसिएशन ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए दीवानी चौराहे पर प्रशासन का पुतला फूंका और आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की।
मामला 22 जून को जिला मुख्यालय में हिंदू वादियों के सामूहिक आत्मदाह से जुड़ा हुआ है। एडीए द्वारा मंदिर को तोड़े जाने और प्रभु हनुमान की मूर्ति वापस न किए जाने के विरोध में आत्मदाह का ऐलान किया था। हिंदूवादी नेता केरोसिन की बोतल लेकर जिला मुख्यालय में पहुंचे थे और अपने ऊपर केरोसिन छिड़ककर आत्मदाह कर रहे थे तभी पुलिस कर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। इस बीच हिंदू वादियों की पुलिसकर्मियों से तीखी नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने तुरंत सभी हिंदूवादी नेता और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था। इस घटना के दौरान वहां अधिवक्ता बृजेश भदौरिया मौजूद थे जिन्होंने पुलिस से पूछ लिया कि अब इन हिंदू वादियों को कहां ले जाया जाएगा। आरोप है कि इतने में ही आक्रोशित पुलिस कर्मियों द्वारा उनसे अभद्रता की गई और अधिवक्ता का कोट खींच लिया गया। इसी मामले को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त है।
प्रदर्शन के दौरान मौजूद आगरा एडवोकेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जेपी शर्मा और वरिष्ठ अधिवक्ता मंजू द्विवेदी ने कहा कि पुलिस और अधिवक्ताओं का हर समय साथ रहता है। ऐसे में पुलिस कर्मियों द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम देना निंदनीय कृत्य है। दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्गविजय सिंह मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि यह घटना कलेक्ट्रेट की है जहां अधिवक्ता के साथ अभद्रता हुई है। इस मामले में तत्काल जिला प्रशासन को संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए।
हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अधिवक्ता सचिन भदौरिया ने अधिवक्ताओं की ओर से मांग की है कि दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित किया जाए और अधिवक्ताओं के खिलाफ थाना सिकंदरा में दर्ज की गई सेवन क्रिमिनल एक्ट के मुकदमे को वापस लिया जाए।
पीड़ित अधिवक्ता बृजेश भदोरिया ने स्वयं के साथ कलेक्ट्रेट पर हुई घटना को समस्त अधिवक्ताओं की बेज्जती करार दिया है। उन्होंने मांग की है कि इस प्रकरण में दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाए नही तो प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।