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मंडलायुक्त ने बड़े निवेशकों के साथ की बैठक, एमओयू – लैंड बैंक को लेकर दिये ये निर्देश

by admin

आगरा। आज शनिवार को मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में आगरा मंडल में निवेश हेतु बड़े निवेशकों, उद्यमी मित्रों और संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में बड़े निवेश को लेकर निवेशकों के साथ अनुबंधित हुए एमओयू, लैंड यूज एवं अन्य सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गयी। जिसका समाधान करते हुए मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा – निर्देश दिये। बैठक में सर्वप्रथम संयुक्त आयुक्त उद्योग द्वारा अवगत कराया गया कि आगरा मंडल में निवेशकों के साथ कुल 1,132 एम ओ यू अनुबंधित हुए हैं जिसमें से लगभग 25,842 करोड़ की 512 एमओयू की जीबीसी (ग्राउंड बेकिंग सेरेमनी) फाइनल हो चुकी है। जिसमें आगरा के 154, मथुरा के 181, फिरोजाबाद के 91 और मैनपुरी के 86 एमओयू की जीबीसी फाइनल हो चुकी है। पशुपालन, वोकेशनल एजुकेशन एंड स्किल, डेयरी प्रोडक्ट, उद्यान विभाग, पर्यटन विभाग, आवासीय विभाग, एमएसएमई और यूपीसीडा से अनुबंधित सबसे ज्यादा एमओयू की ऐसी संख्या है जिनका निवेश अभी धरातल पर नहीं हुआ है। निवेश करने और प्रोजेक्ट को शुरू करने में निवेशकों को आ रही समस्याओं को लेकर मंडलायुक्त महोदया ने जनपदवार निवेशकों से बात की।

आगरा से एवीएस इंटरनेशनल द्वारा पेठा कचरा प्रबंधन का प्लांट लगाने हेतु पेठा गली के पास ही भूमि की मांग की गयी। मंडलायुक्त ने अपर नगर आयुक्त को निवेशक के साथ अलग से बैठक करने एवं भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। आर के मेमोरियल ट्रस्ट ने समस्या रखी कि शास्त्रीपुरम में उनका एक नर्सिंग इंस्टिट्यूट पहले से ही संचालित है, उनकी भूमि के बीच में से विद्युत की लो टेंशन लाइन जा रही है, वहाँ एडीए के प्लॉट्स भी बने हुए हैं, जिसे शिफ्ट करवाने हेतु आगरा विकास प्राधिकरण को कई बार पत्र लिख चुके हैं। लाइन शिफ्ट कराने हेतु एडीए विभाग को निर्देशित किया। पिनाहट में सरकारी भूमि पर एनर्जी प्लांट लगाने हेतु लगभग 50 एकड़ भूमि की मांग की गयी। इस हेतु निवेशकों को साथ लेकर बाह तहसील की सभी चिन्हित भूमि दिखाने को निर्देश दिये। इसके अलावा अन्य निवेशकों द्वारा ग्राम सभा की भूमि की मांग करने पर मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारी को सभी तहसीलों में ग्राम सभा की बड़ी जमीन चिन्हित करने एवं निवेशकों को चयनित भूमि दिखाने के निर्देश दिये। वहीं उद्योग क्षेत्र में बड़ी भूमि/प्लॉट्स की मांग कर रहे निवेशकों से प्रशासन स्तर पर चिन्हित की गयी निजी भूमि को देखने या फिर कोसी कलां में प्रस्तावित आईएमसी में आवेदन करने को कहा।

मथुरा जिले एक निवेशक द्वारा कोसी कलां में संचालित प्लांट पर जल आपूर्ति – सीवर ड्रेनेज सुविधा की मांग की गयी। इस हेतु मंडलायुक्त ने नगर निगम मथुरा – वृन्दावन को निर्देश दिये। वहीं अन्य निवेशकों द्वारा उद्योग क्षेत्र की भूमि मांग पर संबंधित को चिन्हित भूमि दिखाने के निर्देश दिये। फिरोजाबाद जिले में ऑर्किड आदित्य हेलपिंग हैंड्स द्वारा उनके दो एमओयू में भूमि उपयोग परिवर्तन की समस्या रखी गयी। समाधान हेतु संबंधित को निर्देश दिये। अन्य निवेशकों द्वारा बायो ईंधन प्लांट हेतु बड़ी भूमि की मांग की गयी। इस हेतु अपर जिलाधिकारी फिरोजाबाद को निर्देश दिये तो वहीं फिरोजाबाद में उद्योग क्षेत्र में निवेश के लिए प्रशासन द्वारा टूंडला तहसील में चिन्हित किए गए बड़े लैंड बैंक का विजिट करने हेतु यूपीसीडा अधिकारी को निर्देश दिए। मैनपुरी जिले में भी बायो फ्यूल से जुड़े प्रोजेक्ट में निवेश करने हेतु बड़ी भूमि की मांग की गई। निवेशकों की मांग को पूरी करने हेतु संबंधित अधिकारी को चिन्हित भूमि दिखाने के निर्देश दिए।

बैठक में जनपदवार मानचित्र सहित बड़े लैंड बैंक की विस्तृत जानकारी नहीं देने पर मंडलायुक्त ने नाराजगी जताई। उन्होंने बैठक में मौजूद सभी विभागों से अनुबंधित एमओयू और लक्ष्य के सापेक्ष जीबीसी फाइनल न होने पर सवाल – जवाब तलब किये। जिन विभागों में अनुबंधित के सापेक्ष कम निवेश हुआ उन्हें अपनी एमओयू की सूची पर गंभीरता से काम करने के निर्देश दिये। मंडलायुक्त ने सभी विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए कि सभी अपने विभाग से संबंधित एमओयू की सूची को जाँच लें और पेंडिंग जीबीसी को फाइनल करायें। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे एक बार उद्यमी मित्र को साथ लेकर अपने-अपने जिले में ऐसे बड़े लैंड बैंक को चिन्हित करें जिससे आप निवेशकों को दे सकें। नये लैंड बैंक मिलने के बावजूद निवेश नहीं आता है तो संबंधित अथॉरिटी के साथ समन्वय कर नए प्रोजेक्ट पर काम करें। सभी बड़े लैंड बैंक को समेकित करें ताकि उसे किसी बड़े निवेशकों को दिया जा सके। साथ ही बैठक में निवेशकों द्वारा जो समस्याएं रखी गई है, उन सभी समस्याओं का समाधान करें। मंडलायुक्त ने निवेशकों से भी यह अपील की कि वे स्वयं भी प्रशासन से कोऑर्डिनेटर करें और संबंधित विभाग से तालमेल बिठाकर अपनी समस्याओं का समाधान करायें। फिर भी अगर कहीं दिक्कत आती है तो उन्हें अवगत करायें।

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