हाथरस कांड को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस और सीबीआई के बीच तकरार जारी है। बता दें कि सीबीआई ने 18 दिसंबर को दाखिल की चार्जशीट में सभी आरोपियों पर पीड़िता के गैंगरेप और हत्या के आरोप एससी एसटी एक्ट के तहत लगाए हैं। जबकि हाथरस पुलिस की ओर से एक शिकायत के जवाब में पीएमओ को भेजे गए पत्र में पीड़िता के साथ रेप की घटना से इनकार किया गया था। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश पुलिस ने आगरा जेएस मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कथित दुष्कर्म से इनकार किया था।
दरअसल आपको बता दें कि हाथरस मामले में रामपुर निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खान ने पीएमओ को हाथरस कांड में की गई प्रशासन की कार्यवाही को लेकर एक शिकायत की थी। फिलहाल पुलिस और सीबीआई दोनों के द्वारा मामले के नतीजे अलग-अलग साफ दिखाई दे रही हैं। शुक्रवार को हाथरस मामले में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर गांव की एक दलित 19 वर्षीय लड़की के साथ रेप और हत्या करने का आरोप लगाया है।
जानकारी के मुताबिक इस केस की अगली सुनवाई 4 जनवरी को होगी।जबकि पुलिस मामले में गठित SIT की जांच में पाया गया था कि इन चार आरोपियों में से तीन की लोकेशन घटना के समय मौका ए वारदात पर नहीं मिली थी। लिहाजा इस बात की पुष्टि कई गवाहों द्वारा की जा चुकी है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर 4 जनवरी को होने वाली सुनवाई में आरोपियों पर लगे आरोप इन दलीलों के आधार पर खारिज किए जाएंगे या इस मामले में और अधिक जांच पड़ताल की जाएगी।