आगरा। गौरतलब है कि पूरे विश्व में प्लास्टिक कचरा खतरे का पर्याय बन चुका है। यही वजह है कि राज्य से लेकर के केंद्र सरकार तक प्लास्टिक मुक्त अभियान चला रही है तो वहीं कई देश भी अपने यहां प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए कई तरह के प्रोजेक्ट शुरू कर चुके हैं। इन्हीं प्रोजेक्ट में से एक बेहतरीन प्रोजेक्ट को लेकर नार्वे का एक डेलिगेशन आगरा आया।
इंडिया सेंट्रल फाउंडेशन की ओर से आये इस डेलिगेशन ने शनिवार को महापौर नवीन जैन और नगर आयुक्त अरुण प्रकाश से मुलाकात की। नार्वे डेलीगेशन ने महापौर नवीन जैन को बताया कि पर्यावरण संरक्षण के तहत बेकार प्लास्टिक के निस्तारण के लिए वे वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। भारतीय मूल के नार्वे के सांसद हिमांशु गुलाटी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत वे बेहद कम जगह और कम लागत से आगरा में एक प्लांट लगाना चाहते हैं जिसमें बेकार कचरे का निस्तारण कर उससे डीजल ईंधन बनाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट पर्यावरण संरक्षण और ईंधन के स्रोत को बढ़ाने के लिए काफी उपयोगी साबित होने वाला है।
वही महापौर नवीन जैन ने नार्वे डेलीगेशन से मिल इस प्रोजेक्ट को समझा और कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से यह प्रोजेक्ट काफी अच्छा और उपयोगी दिखाई दे रहा है। योगी सरकार भी प्लास्टिक कचरे से निजात दिलाने के लिए प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का अहम फैसला ले चुकी है। सीमित संसाधनों का उपयोग कर इस प्रोजेक्ट से न केवल प्लास्टिक के कचरे से मुक्ति मिलेगी बल्कि ईंधन के स्रोत बढ़ेंगे। यह प्रोजेक्ट अभी तक पूरे भारत देश में कहीं भी नहीं लगाया गया है इसलिए उनकी कोशिश है कि पायलट प्रोजेक्ट देखने के बाद वह इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने पर कार्य किया जाय।
महापौर और नगरायुक्त से हुई मुलाकात के बाद अब नार्वे डेलिगेशन द्वारा आगरा शहर में जल्द ही वेस्ट टू एनर्जी का एक पॉयलट प्रोजेक्ट लगाया जाएगा जिसमें प्लास्टिक कचरे का निस्तारण कर डीज़ल तैयार किया जाएगा। अगर यह प्रयोग सफल रहातो पूरे देश में वेस्ट टू एनर्जी का प्रोजेक्ट वाला आगरा एकमात्र शहर होगा जहां प्लास्टिक से डीज़ल बनाने का कार्य होगा।
नार्वे से आये डेलिगेशन में नार्वे सांसद हिमांशु गुलाटी के अलावा एरिक वर्क, एरिक रियो और इंडियन सेंट्रल फाउंडेशन की ओर से दीपक और सुधीर पाठक मौजूद रहे।