- लोभ पाँस जेहिं गर न बंधाया, सो नर तुम्ह समान रघुराया
- अवधपुरी बने कर्मयोगी एनक्लेव में बह रही है श्री राम कथा की अमृत धारा
आगरा। कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा यह काम, मेरी राम जी से कह देना जय सियाराम… संगीतमय भजन और भक्तिमय राम कथा। प्रभु चरणों की इस अमृत वर्षा से निहाल हो रहे हैं कर्मयोगी एनक्लेव, कमला नगर के वासी।
कर्मयोगेश्वर मंदिर, कर्मयोगी एनक्लेव, दयालबाग में कर्मयोगी वेलफेयर सोसायटी के संयोजन में सीताराम परिवार द्वारा नौ दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया है। कथा के आठवें दिन किष्किंधा कांड एवं लंका दहन प्रसंग का वर्णन कथा व्यास भरत उपाध्याय ने किया। मुख्य यजमान जीतू और रिचा अग्रवाल ने श्रीराम एवं हनुमान जी के स्वरूपों की आरती उतारी।
कथा व्यास भरत उपाध्याय ने रावण द्वारा सीता जी के हरण की लीला के बाद प्रभु श्रीराम की व्याकुलता का मार्मिक चित्रण किया। घायल जटायु का अंतिम संस्कार करने के बाद श्रीराम और लक्ष्मण किष्किंधा की ओर गमन करते हैं और हनुमान जी एवं सुग्रीव जी से भेंट करते हैं। बाली वध प्रसंग के बाद हनुमान जी द्वारा लंका दहन का उल्लासित वचनों के साथ वर्णन किया गया। कथा के मध्य जय श्रीराम के जयघोष के साथ परमगुरु हनुमान जी की भक्ति से ओतप्रोत भजनों पर भक्त जमकर झूमें। जीतू अग्रवाल ने बताया कि रविवार को रावण वध एवं श्रीराम का राज्याभिषेक के साथ प्रसाद वितरण होकर कथा का समापन किया जाएगा।
हनुमान मंदिर, लंगड़े की चौही के महंत गोपी गुरु ने बताया कि हनुमान जी अपार शक्ति के स्वामी, किंतु उन्हें अपनी शक्ति का स्मरण नहीं था। जामवंत के वचन सुनकर उन्हें अपने भीतर की शक्ति का आभास हुआ और इसके बाद उन्होंने सीता माता की खोज करते हुए सोने की लंका को भस्म कर दिया। इसी तरह यदि मानव अपने भीतर के ज्ञान का साक्षात्कार कर ले और अहंकार रहित हो जाए तो प्रभु काज में स्वयं को अग्रसित कर सकता है।
शिवानी अग्रवाल के निर्देशन में कथा प्रसंग के बाद बच्चों द्वारा महाकाल की झांकी नृत्य प्रस्तुति की गयी और खाटू श्याम जी भजन संध्या हुई। इस अवसर पर इस अवसर पर पार्षद कंचन बंसल, मंदिर सचिव ओम प्रकाश, गिर्राज बंसल, संजय गुप्ता, विजय रोहतगी, प्रभात रोहतगी, पवन बंसल, विजय अग्रवाल, अंकित बंसल, हरीश गोयल, भानु मंगलानी, संजय अग्रवाल, आशु रोहतगी, बीएस शर्मा आदि उपस्थित रहे।